नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर पोस्ट डालने को लेकर उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोपी गौस और रियाज टेलर कन्हैयालाल की दुकान में कपड़े सिलवाने के बहाने घुसे और मौका देखकर उन्होंने धारदार हथियार से कन्हैयालाल की हत्या कर दी। वहीं, इस मामले में जांच कर रही एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है और कहा है कि आरोपी गौस और रियाज की मदद के लिए कन्हैयालाल की दुकान के पास ही दो और युवक तैयार खड़े थे। अगर गौस और रियाज कन्हैयालाल की हत्या करने में नाकाम होते तो, ये दोनों युवक वारदात को अंजाम देते।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को दोनों युवक को गिरफ्तार कर लिया। दोनों की पहचान मोहसिन और आसिफ के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में ये बातें बताई हैं। एनआईए ने कहा कि मोहसिन और आसिफ ने हत्यारों को मौके से भागने में भी मदद की। हत्यारों में से एक मोहम्मद गौस का एक स्कूटर उदयपुर में पार्क किया गया था, जो जांच में अहम कड़ी बना।
कन्हैयालाल की हत्या से जुड़े चार आरोपियों को शनिवार को जयपुर की एनआईए अदालत में पेश किया गया। इस दौरान आरोपियों पर भीड़ ने हमला बोल दिया। आरोपियों की पेशी के दौरान सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। लेकिन आरोपियों को जैसे ही सुनवाई के बाद अदालत बाहर निकाला गया, हालत बेकाबू हो गए। भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने थप्पड़ों से पिटाई कर दी। पुलिस किसी तरह आरोपियों को वैन में बिठाने में कामयाब रही।
इसके पहले, रिपोर्ट्स में सामने आया था कि कन्हैयालाल की हत्या के मामले में दो मुख्य आरोपी एक ऐप के जरिए पाकिस्तान के एक संगठन दावत-ए-इस्लामी के सदस्य बने थे। कन्हैयालाल की हत्या के बाद आरोपियों ने वीडियो भी बनाया था और पीएम नरेंद्र मोदी को धमकी थी। इस हत्या को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा लगातार राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं, सरकार ने कहा है कि हत्यारोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है।