राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या से जुड़े चार आरोपियों को शनिवार (2 जुलाई) को जयपुर की एनआईए अदालत में पेश किया गया। इस दौरान आरोपियों के साथ भीड़ ने मारपीट कर दी। वहीं सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों को 12 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है। अब दस दिन तक एनआईए की टीम चारों आरोपियों से कड़ी पूछताछ करेगी।
भीड़ ने की आरोपियों की पिटाई: कन्हैयालाल मर्डर के आरोपियों को जयपुर की एनआईए अदालत में पेशी के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था। लेकिन आरोपियों को जैसे ही सुनवाई के बाद अदालत बाहर निकाला गया, हालत बेकाबू हो गए। पुलिस को आरोपियों को पुलिस वैन तक ले जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने थप्पड़ों से पिटाई कर दी।
28 जून को हुई थी कन्हैया लाल की हत्या: उदयपुर के धानमंडी इलाके के रहने वाले कन्हैया लाल पेशे से दर्जी थे और टेलरिंग की दुकान चलाते थे। 28 जून को कन्हैया लाल की दुकान में दोनों आरोपी ग्राहक बनकर आये थे और उन्होंने धारदार हथियार से लाल पर हमला बोल दिया था। आरोपियों के हमले में कन्हैया लाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। हत्या के बाद प्रदेश भर में बवाल शुरू हो गया था, बाद में भागते हुए दोनों आरोपियों को पुलिस ने राजसमंद के भीम इलाके से पकड़ लिया था।
पहले SIT का हुआ था गठन: कन्हैयालाल की बर्बर हत्या मामले में दोनों आरोपियों रियाज अटारी और गौस मोहम्मद की राजसमंद के भीम इलाके से गिरफ्तारी के बाद राजस्थान सरकार की ओर से घटना की जांच के लिए SIT का गठन किया गया था। हालांकि, जब आरोपियों के विदेशी संगठनों से जुड़े होने का संदेह हुआ तो केस में एनआईए की एंट्री होते हुई दिखी थी।
NIA को ट्रांसफर हुआ था केस: कन्हैयालाल मर्डर के दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई सारी जानकारियां सामने आई कि कैसे उन्होंने पूरे मर्डर की साजिश को रचा। फिर हत्या का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया। इसी वीडियो में दोनों ने हत्या की बात कबूली थी और देश के प्रधानमंत्री मोदी को धमकी दी थी। कई सारे आतंकी एंगल के संदेह के बीच कन्हैयालाल की बर्बर हत्या मामले को शुक्रवार को उदयपुर की जिला व सत्र अदालत ने एनआईए को ट्रांसफर कर दिया था।