आज देश भर में विजयादशमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। नवरात्रि के पावन पर्व का समापन हो गया है। इस पावन पर्व पर श्रद्धालु मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान का आंकड़ा प्रस्तुत किया है। इसके तहत सरकार ने बताया है कि नवरात्रि के दौरान प्रदेश में स्थित 51 शक्तिपीठों में लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए हैं। जिनमें अकेले मिर्जापुर स्थित विंध्यवासिनी धाम में 50 लाख श्रद्धालु शामिल हैं।

सरकार द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार प्रदेश के सबसे प्रमुख सिद्धपीठ माने जाने वाले मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर में इस नवरात्रि श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। सामान्यतः प्रतिदिन 1 लाख से 1.5 लाख दर्शनार्थियों के मुकाबले इस बार प्रतिदिन 4 लाख से 5 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आए, और अंतिम तीन दिनों में यह संख्या 6 लाख से 7 लाख तक पहुंच गई। नवनिर्मित विंध्याचल कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को कम किया है, जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं और पहुंच उपलब्ध हुई है।

प्रयागराज में रही भक्तों की भारी भीड़

सरकारी आंकड़े में कहा गया है कि 51 शक्तिपीठों में से एक मां विशालाक्षी मंदिर में सामान्य दिनों की तुलना में नवरात्रि के दौरान भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई। सप्तमी से नवमी तक प्रतिदिन 20 हजार से 30 हजार भक्त दर्शन करते थे। वाराणसी के गायत्री शक्ति पीठ चौरा देवी मंदिर में नवमी तक 10 हजार से अधिक भक्त आए। जबकि दुर्गा कुंड स्थित मां कुष्मांडा मंदिर में नौ दिनों में 12 लाख से अधिक भक्त आए। पिछले तीन दिनों में ही प्रतिदिन लगभग 2 लाख लोग आये।

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पश्चिमी यूपी के सहारनपुर में लगभग सात लाख लोगों ने शाकुंभरी धाम का दौरा किया और लगभग चार लाख लोगों ने त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी मंदिर में इस नवरात्रि लगभग साढ़े छह लाख श्रद्धालु पहुंचे। सप्तमी से नवमी तक सबसे ज्यादा भीड़ रही। मंदिर प्रबंधन ने 15 दिनों तक मेले का भी आयोजन किया। नवरात्रि के दौरान प्रयागराज स्थित मां अलोप शंकरी धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और 12 लाख से ज्यादा लोगों ने मंदिर में दर्शन किए। इस विशाल भीड़ को समायोजित करने के लिए सरकार ने यात्री शेड प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण कार्यों पर लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च किए।

गोरखपुर से गाजीपुर तक श्रद्धालुओं ने टेका देवी के दरबार में मत्था

गोरखपुर के तरकुलहा देवी मंदिर में नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन लगभग 50 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे थे। जो संख्या नवमी पर 1 लाख को पार कर गई। अब तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। गोरखपुर के कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर में भी पांच लाख श्रद्धालु आए। नवरात्रि के आखिरी तीन दिनों में तो रोजाना लगभग एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। सरकार ने यहां पर्यटन विकास कार्यों और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।

इस नवरात्रि में गाजीपुर के हथियाराम मठ में लगभग 40 हजार लोग आए जबकि कामाख्या देवी मंदिर में 1 लाख से अधिक भक्त आए। जौनपुर में मां शीतला चौकिया मंदिर नवरात्रि के दौरान खचाखच भरा रहा। रोजाना लगभग 70 हजार भक्त आ रहे थे और सप्तमी से नवमी तक लगभग 1 लाख भक्त रोजाना दर्शन के लिए पहुंचे।

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सीतापुर स्थित नैमिषारण्य की पवित्र भूमि में ललिता देवी मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान 2 लाख से अधिक भक्त आए। आगरा का 300 साल पुराना चामुंडा देवी मंदिर नवरात्रि के दौरान विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसके अलावा कैला माता मंदिर में 15 लाख सती माता मंदिर में 2 लाख, काली माता मंदिर में 1.5 लाख और शीतला माता मंदिर में 10 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

मथुरा के छाता स्थित नारी सेमरी मंदिर में नवरात्रि के दौरान 3 लाख श्रद्धालु आते थे। मूर्ति स्थापित करने और लाठियों से पूजा करने की परंपरा ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। झांसी के पंचकुइया, कैमासन, महाकाली और लहर देवी मंदिरों में नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान 1 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। महाराजगंज के लेहड़ा देवी मंदिर में लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। औरैया के 15 मंदिरों में लगभग 2.5 लाख लोगों ने दर्शन किए। हापुड़, सिद्धार्थनगर और अन्य जिलों में भी लाखों श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दर्शन किए।