हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के एक ट्वीट के बाद हंगामा मच गया। दरअसल अनिल विज ने अपने ट्वीट में सोमवार को कहा कि ‘देश विरोध का बीज जहां कहीं भी हो उसका समूल नाश कर देना चाहिए…फिर चाहे वह दिशा रवि हो या कोई और।’ अनिल विज के इस ट्वीट के बाद ट्विटर ने उन्हें नोटिस थमा दिया। यह नोटिस जर्मन उपयोगकर्ता से मिली शिकायत के आधार पर भेजा गया था। रिपोर्ट करने वाले ने सामग्री को (मंत्री के ट्वीट को) ट्विटर से हटाने की मांग की थी। ट्विटर ने पहले अनिल विज का ट्वीट हटा दिया और फिर बाद में यू-टर्न भी ले लिया।
थोड़ी देर बाद ट्विटर ने एक और ट्वीट किया और कहा कि ‘ट्विटर हटाने को लेकर की गई रिपोर्ट की जांच की। हालांकि उसके बाद बताया गया कि ट्विटर रूल्स और जर्मन कानून के तहत ट्वीट में हटाने वाली कोई सामग्री नहीं है। इसलिए रिपोर्ट पर हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।’ आपको बता दें कि अनिल विज ने यह टिप्पणी पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के दो दिन बाद की है। दिशा रवि को सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ कथित रूप से साझा करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि 21 वर्षीय कार्यकर्ता ‘टूलकिट गूगल डॉक’ की संपादक हैं और दस्तावेज बनाने और उसका प्रसार करने वाली ‘मुख्य साजिशकर्ता’ हैं। उन्हें साइबर प्रकोष्ठ ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) February 15, 2021
देश विरोध का बीज जिसके भी दिमाग में हो उसका समूल नाश कर देना चाहिए फिर चाहे वह #दिशा_रवि हो यां कोई और ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) February 15, 2021
पर्यावरण कार्यकर्ता और नोबेल अवार्ड विजेता ग्रेटा थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए एक ”टूल किट ” साझा की थी। इस ”टूल किट ” में विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी गई थी जिनमें ट्विटर पर विरोध करना, भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करना शामिल हैं।
इधर संयुक्त किसान मोर्चा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के समर्थन में आ गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को मजबूर करने के लिए ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा है कि दिशा रवि को बिना शर्त रिहा किया जाए। किसान मोर्चा ने कहा है कि भारत के युवा पर्यावरणविद खेती-किसानी की समस्या समझते हैं।
सरकार द्वार लाए गए तीन कृषि कानून किसानों को लाभवर्धक बाजार नहीं प्रदान करते हैं, बजाय इसके ये कानून किसानों के लिए बाजार में चुनौतियां पेश करते हैं, जहां उनके शोषण की आशंका है। दिशा रवि का समर्थन करते हुए किसान संगठनों ने कहा कि उन्होंने किसानों की मुश्किलें समझी है और उनके आंदोलन का समर्थन किया है। किसानों ने कहा है कि सरकार दिशा रवि को तत्काल रिहा करे।