Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आरजेडी इसे सत्ता से बाहर होने की बौखलाहट बता रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता सुशील मोदी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कहिए गिरा दें सरकार, केंद्र में लोग उनसे खुश हो जाएंगे।

नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता सुशील मोदी के बयान पर कहा, “सुशील मोदी को बोलिए की जल्दी सरकार गिरा दे ,उनको कुछ बनाया नहीं तो बयान दे रहे हैं उनको बयान देने से कहीं खुश होकर केंद्र कुछ बना दे।” गौरतलब है कि बिहार में नई सरकार बनने के बाद सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार की महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी और जल्द ही गिर जाएगी।

केंद्र में लोग उनसे खुश हो जाएं: इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी से जल्दी बोलिए कि महागठबंधन सरकार को गिरा दें। नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी अगर कह रहे हैं कि उनकी सरकार गिर जाएगी तो उनसे कहिए कि जल्दी गिरा दें ताकि उन्हें बीजेपी में कोई जगह मिल जाए। नीतीश ने कहा कि जब बिहार में 2020 में सरकार बनी तो उनको कुछ नहीं बनाया गया। इस वजह से मुझे तकलीफ थी। सुशील मोदी को अब रोज बोलना चाहिए क्योंकि इसी बहाने अगर केंद्र वाले उनसे खुश हो जाएं इसीलिए वह रोज बोलते रहें।

पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने हाल ही में कहा था कि आंतरिक विरोधाभासों के कारण यह नया गठबंधन टूट जाएगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि लालू जब चाहेंगे नीतीश को हटाकर तेजस्वी को बिहार का मुख्यमंत्री बना देंगे। जेडीयू की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इससे पहले सुशील मोदी ने एक बयान जारी कर आशंका जताई थी कि अगर आरजेडी का स्पीकर बना तो नीतीश सरकार गिरा देंगे। नीतीश कुमार को अलग कर लालू, तेजस्वी यादव को राज्य का मुख्यमंत्री बनवा देंगे।

सुशील मोदी के निशाने पर ललन सिंह: वहीं, दूसरी ओर नीतीश के करीबी ललन सिंह भी इन दिनों सुशील मोदी के निशाने पर हैं। दरअसल, लल्लन सिंह ने हाल ही में बयान दिया था बीजेपी बदल गयी है। जिसके बाद सुशील मोदी ने ललन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने ही कभी अदालत और सीबीआई को वे दस्तावेज उपलब्ध कराए थे, जिससे चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में लालू प्रसाद को सजा हुई। आज ये दोनों अगर सीबीआई को कोस रहे हैं और लालू प्रसाद के कसीदे पढ़ रहे हैं, तो लोकलाज छोड़ कर कौन बदल गया?