अयोध्या में 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के निर्माण की देखरेख करने वाला ट्रस्ट भारत-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने शनिवार (08 अगस्त) को कहा कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मस्जिद के बगल में बनने वाली सार्वजनिक उपयोगिता सुविधा केंद्र की आधारशिला समारोह के लिए आमंत्रित करेंगे। यह सुविधा केंद्र अयोध्या के धनीपुर गाँव में मस्जिद के साथ ही, उसी भूखंड पर बनेगा।
ट्रस्ट ने कहा, इस्लाम के मुताबिक मस्जिद के निर्माण के लिए आधारशिला में योगी आदित्यनाथ को बुलाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है लेकिन मस्जिद के बगल में बनने वाली फैसिलिटी सेंटर की आधारशिला के लिए उन्हें जरूर बुलाएंगे। मस्जिद वाली जमीन पर मस्जिद के अलावा एक अस्पताल,एक लाइब्रेरी समेत चार उपयोगी केंद्र बनाने का प्रस्ताव है।
ट्रस्ट की तरफ से यह बयान योगी आदित्यनाथ के उस बयान के तीन दिन बाद आया है, जिसमें योगी ने कहा था कि एक ‘योगी’ और एक ‘हिन्दू’ के नाते वह वहां नहीं जाएंगे लेकिन एक मुख्यमंत्री के नाते बुलाया गया तो जरूर जाऊंगा। हालांकि, योगी ने कहा था कि उन्हें मालूम है कि कोई भी शख्स उन्हें नहीं बुलाएगा। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला देते हुए मस्जिद के लिए दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव और प्रवक्ता अथर हुसैन ने बताया कि अयोध्या में मस्जिद के बगल में एक अस्पताल, कम्युनिटी किचेन, रिसर्च सेंटर (इंडो-इस्लामिक कल्चर पर केंद्रित), लाइब्रेरी और एक पब्लिशिंग हाउस बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमलोग पब्लिक फैसिलिटी सेंटर बना रहे हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ को भी आधारशिला कार्यक्रम में बुलाएंगे क्योंकि वो लोगों के मुख्यमंत्री हैं।
हुसैन ने साफ कहा कि इस्लाम में चार विचारों- हनफी, हनबली, शफी और मलिकी के मुताबिक एक में भी मस्जिद के लिए आधारशिला रखने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही ट्रस्ट ने उम्मीद जताई कि सीएम योगी आदित्यनाथ पब्लिक फैसिलिटी के लिए आर्थिक मदद भी करेंगे।