त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने 14 मई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर राज्यसभा सांसद माणिक शाह को पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री पद के रूप में नामित किया। बीजेपी विधायकों ने माणिक शाह को अपना नेता चुना। बिप्लब देव ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कहा था कि पार्टी चाहती है कि वो संगठन के लिए काम करे और इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है।

23 जून को होने वाली चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के साथ त्रिपुरा में राजनीतिक माहौल गर्म हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव की सेवाओं का उपयोग करने की भाजपा की योजना को लेकर भी उत्सुकता बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद बिप्लब कुमार देव ने भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख को लेकर सस्पेंस के बीच पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए बड़े पैमाने पर राज्य का दौरा करना शुरू कर दिया है।

लेकिन मई के अंत में बिप्लब कुमार देव शांत हो गए। नए सीएम माणिक शाह ने संकेत दिया है कि वह राज्य में पार्टी प्रमुख का पद भी संभालना जारी रखेंगे। बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय, असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ला बरुआ को त्रिपुरा के लिए प्रभारी नियुक्त किया है।

बीजेपी ने त्रिपुरा विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। साथ ही अन्य राज्यों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की घोषणा कर दी है। त्रिपुरा की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। पार्टी ने टाउन बोरदोवाली से राज्य के मुख्यमंत्री माणिक शाह, अगरतला से अशोक सिन्हा, सुरमा से स्वपन दास पाटिल और जुबराजनगर से मालिना देबनाथ को मैदान में उतारा है।

त्रिपुरा के नए सीएम माणिक शाह पेशे से डेंटल सर्जन हैं और इसी साल मार्च में वह राज्यसभा सांसद चुने गए थे। मुख्यमंत्री माणिक शाह को पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव का बेहद करीबी माना जाता है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। माणिक शाह की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो, उन्होंने गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, पटना से डेंटल स्टडीज में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उन्होंने यूनिवर्सिटी रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल किया है।