त्रिपुरा में बुधवार को एक सरकारी कर्मचारी को एक सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की दक्षिणपंथी कट्टरपंथी हत्या कर रहे हैं। पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले के मेलाघर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान रुमान मिया के रूप में की। आरोपी इलाके के एक सेक्टर ऑफिस में तैनात कृषि विभाग का कर्मचारी है।
सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार
रुमान मिया को स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस स्टेशन ले जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। लोगों ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट पर आपत्ति जताई थी। आरोपी के खिलाफ झूठे बयान देने या दंगा भड़काने, जनता में भय या चिंता पैदा करने और समूहों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य और दुश्मनी को बढ़ावा देने के इरादे से अफवाहें फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
रुमान मिया ने बाद में कहा कि उन्होंने यह पोस्ट खुद नहीं लिखी थी, बल्कि गलती से शेयर कर दी थी। पुलिस ने आरोपी को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की याचिका के साथ सोनामुरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें इस शर्त पर ज़मानत दी कि अन्य बातों के अलावा वह पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होंगे।
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दक्षिणपंथी संगठनों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। दक्षिणपंथी संगठनों ने कहा कि सरकार को ऐसी टिप्पणियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो सांप्रदायिक वैमनस्य भड़का सकती हैं।
महिला के साथ बर्बरता
इससे पहले त्रिपुरा में एक महिला के साथ बर्बरता की घटना सामने आई है। त्रिपुरा के गोमती जिले में एक महिला से हाथ पैर बांधकर मारपीट की गई और उसे नाले के ऊपर लिटाया गया। महिला का चेहरा काला करके जूते की माला पहनाई गई और उसके बाल काट दिए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा नेता के इशारे पर आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है और कार्यवाही भी की जा रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़िता के जबरन बाल काटती हुई महिलाएं दिख रही है और लोग वीडियो बना रहे हैं।