पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा को खतरा मानते हुए तृणमूल कांग्रेस अब अपने साथ जुड़े नेताओं की वफादारी जांचने में जुट गई है। इसी के साथ पार्टी के विरोध में बयान देने वालों को अब सीएम ममता बनर्जी खुद किनारे कर रही हैं। इनमें सबसे ताजा नाम ईस्ट मिदनापुर जिले के नेता कनिष्क पांडा का है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। पांडा को टीएमसी के प्रभावशाली बागी नेता सुवेंदु अधिकारी का खास माना जाता है।
बता दें कि हाल ही में सुवेंदु अधिकारी ने खुद टीएमसी कसे कुछ मामलों में मतभेद होने के चलते कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, पार्टी से बाहर जाने की अटकलों के बीच भी उन्होंने टीएमसी को छोड़ा नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे पार्टी के कुछ और बड़े नेताओं पर असर डालकर उन्हें साथ ले जा सकते हैं। सुवेंदु पहले ही कह चुके थे कि वे टीएमसी की मौजूदा लीडरशिप से खुश नहीं थे, क्योंकि उनके साथ काम करना काफी मुश्किल रहा है।
बताया गया है कि कनिष्क पांडा अपने करीबी सुवेंदु अधिकारी से सुरक्षा छीने जाने के खिलाफ थे और इसी के चलते उन्होंने पार्टी नेताओं के विरोध में कुछ बयानबाजी की थी। कहा जाता है कि उन्होंने सीएम ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा था। इसके बाद पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए निकाल दिया गया। बता दें कि कनिष्क पांडा इससे पहले ईस्ट मिदनापुर के महासचिव रह चुके हैं।
इससे पहले सीएम ममता बनर्जी खुद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे नेताओं को कड़ी चेतावनी दे चुकी हैं। उन्होंने साफ किया था कि अगर टीएमसी का कोई नेता विपक्ष के साथ संपर्क में है, तो वह तुरंत पार्टी को कमजोर करने के बजाय इसे तुरंत छोड़ दे और अपना रास्ता चुने। बता दें कि बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव रखे जा सकते हैं।
क्या है सुवेंदु अधिकारी और उनके सहयोगियों की ताकत: सुवेंदु अधिकारी ने पिछले ङ्पेत ही बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में एक रैली की थी। हालांकि, इसमें तृणमूल कांग्रेस के झंडे और पोस्टरों का इस्तेमाल नहीं किया गया। बताया जाता है कि अधिकारी परिवार का बंगाल की 40-45 सीटों पर अच्छा प्रभाव है। इनमें पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया, झारग्राम और बीरभूम के कुछ हिस्से आते हैं। इसके अलावा मुर्शिदाबाद के कुछ अल्पसंख्यक प्रभाव वाले हिस्सों पर भी उनका अच्छा असर है।