सोमवार को राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश में कमलनाथ और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विपक्षी नेता भी पहुंचे। लेकिन इसी साल कर्नाटक में हुए जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के मुकाबले इन तीनों राज्यों में विपक्षी नेताओं की मौजूदगी काफी कम देखने को मिली। कांग्रेस पार्टी के इस कार्यक्रम से बड़े विपक्षी नेता गायब थे।

नहीं पहुंचे अरविंद केजरीवाल, मायावती और ममता बनर्जी-

इस शपथ ग्रहण समारोह में शरद पवार, टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, बिहार के बड़े नेता शरद यादव, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला जैसे नेता शामिल हुए। वहीं अगर कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह की बात करें तो उस दौरान विपक्षी एकजुटता काफी ज्यादा देखने को मिली थी। कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेता शामिल हुए थे।

हालांकि ममता बनर्जी की पार्टी ने इस कार्यक्रम में पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को भेजा था। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल होने के लिए पहुंचे थे लेकिन 1984 दंगों पर कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। बता दें, कोर्ट ने 1984 में हुए सिख दंगो में कांग्रेस पार्टी के नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया है। उसके साथ ही कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं अब देखने वाली बात होगी की क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में एक साथ होने का दावा करने वाली पार्टियां सही में एक साथ आकर मोदी सरकार को चुनौती देगी या फिर नहीं।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने इन तीनों ही राज्यों में पिछली बार के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने 15 सालों के बाद सत्ता में वापसी की है। अब कांग्रेस पार्टी की नजर लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की है।