Lok Sabha Election Results 2019 की घोषणा के पांच दिन बाद भी पश्चिम बंगाल में सियासी तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही। पिछले कुछ सालों से हर चुनाव के दौरान हिंसा के शिकार हो रहे पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही माहौल देखने को मिला। ताजा मामला दुर्गापुर क्षेत्र का है। यहां पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस विधायक जितेंद्र तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अपने दफ्तर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। एएनआई ने उनके दफ्तर की कुछ तस्वीरें भी दिखाई हैं, जिनमें सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है।

‘हम भी चुप नहीं बैठेंगे’: टीएमसी विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘बीजेपी पश्चिम बंगाल में तांडव कर रही है। अगर बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को नहीं रोका तो हम भी पलटवार करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। आप (बीजेपी) पश्चिम बंगाल में चुनाव जीते हैं लेकिन इससे आपको तृणमूल कांग्रेस का ऑफिस तोड़ने की इजाजत नहीं मिल जाती।’ विधायक की तरफ से इस संबंध में पुलिस को शिकायत भी की गई।

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पश्चिम बंगाल में सियासत और हिंसाः चुनाव चाहे पंचायत का हो या नगर निगम का, विधानसभा का हो या लोकसभा का, पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं सामने आ ही जाती हैं। पार्टियों की तनातनी पर कार्यकर्ताओं का उग्र होकर तोड़फोड़ करना, लूट और मर्डर जैसी वारदात को अंजाम देना पश्चिम बंगाल के लिए नई बात नहीं है। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो भी जमकर हंगामा हुआ था। इस दौरान आगजनी की घटनाएं भी सामने आई थीं। पंचायत चुनाव के दौरान भी यहां कई दर्जन लोगों की मौत के मामले सामने आए थे। पहले यहां तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम सांसदों के बीच झड़प की खबरें आती थीं, अब सीपीएम की जगह टीएमसी और बीजेपी के बीच की घटनाएं सामने आ रही हैं।