Tripura Assembly Elections: त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण दिनकरराव गिट्टे ने शनिवार को कहा कि 18 जनवरी को विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा को लेकर 36 प्राथमिकी दर्ज की गई और 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पत्रकारों से बात करते हुए किरण दिनकरराव गिट्टे ने कहा कि ज्यादातर मामले पार्टी कार्यालयों पर आगजनी, प्रचार सामग्री को नुकसान पहुंचाने, लोगों पर हमले, कारों में तोड़फोड़, धमकी और डराने-धमकाने से जुड़े हुए थे। उन्होने कहा कि हिंसा पार्टी लाइन से अलग हुई थी।
2018 के मुक़ाबले कम है इस बार हिंसा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण दिनकरराव गिट्टे ने कहा कि आरोप लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से आए हैं और लगभग सभी को निशाना बनाया गया है। हालांकि किरण दिनकरराव गिट्टे ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार हिंसा की घटनाएं बहुत कम हैं। 2018 में 3,214 मतदान केंद्रों में से 929 में कम मतदान होने वाले एक सर्वेक्षण के बाद चुनाव आयोग एक विशेष ‘मिशन शून्य हिंसा और 929’ चला रहा है। विशेष अभियान का उद्देश्य मतदान प्रतिशत को बढ़ावा देना है। आयोग ने कहा कि वह समान अवसर प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसी पार्टी या उम्मीदवार के प्रति “पक्षपातपूर्ण रवैया” नहीं दिखाया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया था त्रिपुरा का दौरा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हाल ही में राज्य के दौरे के दौरान कहा था कि यदि चुनाव दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है तो सभी अधिकारी जवाबदेह होंगे। दो राजनीतिक दलों के बीच हिंसक गतिरोध से निपटने के लिए उचित कदम नहीं उठाने के कारण पिछले महीने तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था, इस दौरान कई नेता घायल हो गए थे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण दिनकरराव गिट्टे ने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आपराधिक मामलों वाले दो पुलिस निरीक्षकों को चुनाव ड्यूटी से हटा दिया गया, क्योंकि दो अन्य उम्मीदवारों से उनके जुड़ाव थे। आयोग ने 29.25 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित सामान को जब्त किया है, जिसमें 3.5 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1.23 करोड़ रुपये की शराब, 14 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ, 6 लाख रुपये के आभूषण और 7.9 करोड़ रुपये के उपहार शामिल हैं। चुनाव ड्यूटी पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की 400 कंपनियां तैनात की जा रही हैं।