Tiger Kishan dies: लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल पार्क (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Park in Lucknow) में नर बाघ ‘किशन’ (Tiger Kishan) की कैंसर (Cancer) से मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि किशन का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। इस बाघ को 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व (Kishanpur Tiger Reserve) से रेस्क्यू कर लखनऊ के जूलॉजिकल पार्क (Lucknow Zoological Park) लाया गया था।

लखनऊ जूलॉजिकल पार्क (Lucknow Zoological Park) में प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला कि बाघ किशन हिमेंजिओसार्कोनोमा नामक कैंसर से पीड़ित था। यह बाघ के कान और मुंह के पास फैल गया था। गंभीर बीमारी के चलते बाघ जंगली जानवरों का शिकार नहीं कर पाता था।

बाघ किशन का 13 साल से चल रहा था इलाज

बाघ किशन जूलॉजिकल पार्क लखनऊ (Lucknow Zoological Park) में पिछले 13 साल से ज्यादा समय से रह रहा था और इसकी स्वास्थ्य की लगातार देखभाल की जा रही थी। वक्त के साथ आयु के बढ़ने और कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी किशन एक समान्य बाघ की तरह व्यवहार करता था। अपने अंतिम कुछ दिनों में किशन ने सामान्य रूप से खाना खाना छोड़ दिया था। साथ ही उसकी चहलकदमी भी कम हो गई थी। 13 साल के बाद कैंसर के चलते शुक्रवार (30 दिसंबर, 2022) को किशन की मौत हो गई।

चिड़ियाघर प्राधिकरण (zoo Authority) ने कहा कि किशन ने अपने आखिरी दिनों में भोजन करना बंद कर दिया था और यहां तक कि अपने सामान्य दिनों की तरह शिकार भी नहीं करता था। जूलॉजिकल पार्क के निदेशक वीके मिश्रा ने कहा कि चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने बाघ किशन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।

बाघिन कजरी को ठंड से बचाने के लिए लगाया गया हीटर

निदेशक वीके मिश्रा ने कहा कि अब उनका पूरा ध्यान बाघिन काजरी पर है। क्योंकि वो बुजुर्ग हो गई है। हालांकि वो सामान्य दिनों की तरह भोजन कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। साथ ही उसे ठंड से बचाने के लिए हीटर की व्यवस्था की गई है।