उत्तर प्रदेश में अपना खोया जनाधार पाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट से उसके 3 कद्दावर नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है। कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में एक एमएलए राकेश प्रताप सिंह, एक एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और एक जिला पंचायत चेयरमैन अवधेश प्रताप सिंह का नाम शामिल हैं। बता दें कि तीनों नेता भाई हैं। तीनों नेताओं का आरोप है कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी ओर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने के कारण वे पार्टी छोड़ रहे हैं। तीनों नेताओं का कहना है कि जब पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना हुआ था, उस वक्त भी उनके परिवार ने पार्टी का रुतबा बढ़ाया।
कांग्रेस छोड़ने वाले एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि फिलहाल वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं और सभी लोग मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई औपचारिक इस्तीफा नहीं मिला है, लेकिन अगर तीनों भाई पार्टी छोड़ रहे हैं तो यह पार्टी के लिए चिंता की बात हो सकती है। बता दें कि रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की पारंपरिक सीट रही है। अहम बात यह है कि अवधेश प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अकेले जिला पंचायत चेयरमैन थे। ऐसे में, अवधेश प्रताप सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद अब उत्तर प्रदेश में पार्टी का एक भी जिला पंचायत चेयरमैन नहीं होगा। इसके अलावा, अब कांग्रेस के राज्य में सिर्फ एक एमएलसी और सिर्फ 6 एमएलए बचेंगे।
दिनेश प्रताप सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में भाजपा उम्मीदवार विधान परिषद् की सीट नहीं बचा पाए, उस समय हमने सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। इसके साथ ही हम जिला पंचायत सीट और विधानसभा सीट भी जीते और ये जीत हमें कांग्रेस के कारण नहीं मिली थी। गौरतलब है कि मंगलवार को अवधेश प्रताप सिंह ने एक बयान में कहा था कि पंचवटी (तीनों नेताओं का घर) का अब कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। हम अपने शुभचिंतकों के साथ मिलकर आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। अवधेश प्रताप सिंह के इस बयान के बाद से ही माना जा रहा था कि तीनों भाई कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं।