Rajasthan Jaipur SMS Hospital News: जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लगने से 6 मरीजों की मौत हो गई। ट्रॉमा सेंटर में आग रात करीब 11.20 बजे लगी। मरीजों के रिश्तेदारों ने बताया कि वार्ड में धुआं भर जाने से अफरा-तफरी मच गई। नरेंद्र सिंह की मां भी यहां पर भर्ती थीं। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें घटना की जानकारी मिली, तब तक आईसीयू में भर्ती उनकी मां की मौत हो चुकी थी।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में नरेंद्र सिंह ने बताया, “मैं नीचे खाना खाने आया था। मुझे किसी ने नहीं बताया कि आईसीयू में आग लगी थी। आग बुझाने के लिए कुछ भी नहीं था। इसमें कोई भी सुविधा नहीं है, आग बुझाने के लिए कम से कम एक सिलेंडर तो होना चाहिए था। हमें तो इसमें किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली।”

धीरे-धीरे धुआं बढ़ता गया- ओम प्रकाश

ओम प्रकाश ने कहा, “11.20 मिनट पर जैसे ही धुआं निकला था तो हमने डॉक्टर को पहले ही बोल दिया था कि धुआं निकल रहा है तो मरीज को दिक्कत हो सकती है, तो फिर धीरे-धीरे धुआं बढ़ता गया। डॉक्टर और कंपाउंडर सब निकल गए। फिर अचानक से इतना धुआं बढ़ गया कि मरीज को निकाल नहीं सकते हैं। लेकिन फिर भी 4-5 मरीजों को बाहर निकाला गया। दुर्भाग्य से, इस घटना में मेरी मौसी के बेटे की जान चली गई। वह लगभग ठीक हो रहा था और दो-तीन दिन में उसे छुट्टी मिलने वाली थी।”

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जोगेंद्र सिंह ने अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही पर निराशा जाहिर की। सिंह का यह भी दावा है कि उन्होंने डॉक्टरों को चार-पांच बार जानकारी दी लेकिन लेकिन इसे सामान्य मानकर टाल दिया गया। जोगेंद्र सिंह ने एएनआई को बताया, “अचानक पूरे इलाके में धुआं फैल गया और सभी कर्मचारी बाहर भाग गए, जिससे मेरी मां की मदद करने या उन्हें बचाने वाला कोई नहीं बचा। जब मैंने पुलिस से पूछा तो मैं बाहर था और उन्होंने कहा कि सभी को बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि, मेरी मां और भाई अभी भी अस्पताल के अंदर फंसे हुए थे। किसी तरह, मैं अपने भाई को बचाने में कामयाब रहा, लेकिन अब उसकी हालत गंभीर है।”

सीएम भजनलाल शर्मा ने दिए जांच के आदेश

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए एक समिति की घोषणा की गई है। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के कमिश्नर इकबाल खान इस समिति के अध्यक्ष होंगे। यह समिति आग के कारणों, अस्पताल प्रबंधन की आग पर प्रतिक्रिया, ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस अस्पताल में आग लगने की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा और निकासी और भविष्य में ऐसी आग की घटनाओं को फिर से रोकने के लिए अस्पताल को सुरक्षित रखने के उपायों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।