मथुरा के जवाहर बाग पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों से हुई पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मृतकों की कुल संख्या अब 29 हो गई है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। देर रात तक एक घायल व्यक्ति ने इलाज के दौरान मथुरा में तो दूसरे की आगरा में मौत हो गई। इस प्रकार संघर्ष में दो पुलिस अधिकारियों के अलावा 27 दंगाइयों की मौत हो चुकी है। पुलिस के मुताबिक अब तक कुल 11 मृतकों के शवों की शिनाख्त की जा चुकी है जिनमें स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह नामक अवैध संगठन के मुखिया रामवृक्ष यादव की भी शामिल है। उसकी मौत खुद ही झोपड़ी में लगाई गई आग में जलने से हुई बताई जा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक मिश्रा ने बताया कि एक अज्ञात हमलावर की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई तथा दूसरे के बारे में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से सूचित किया गया है कि वहां इलाज करा रहे पिनकू पुत्र धनपति चौहान निवासी अंबरपुर, थाना गंभीरपुर, आजमगढ़ को भी बचाया नहीं जा सका।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि बीती शाम शवों की शिनाख्त की कार्रवाई के दौरान मथुरा में मौजूद बलवाइयों के 10 शवों की शिनाख्त जेल में बंद उनके साथियों ने कर ली है। इनमें गाजीपुर जनपद के गांव रायपुर-दोधपुर पोस्ट-केलही मरदह निवासी रामवृक्ष यादव तथा महेश जायसवाल निवासी गायघाट थाना-सिद्घार्थ नगर, उदयराज मौर्य ग्राम विशन पुरवा, थाना ऊंचाहार रायबरेली, डॉक्टर साहब मुजफ्फरपुर, टीटी बाबू निवासी कानपुर नगर और रामलखन वर्मा आदि शामिल हैं। इनके अलावा दो महिलाएं आशा देवी निवासी गादरा पोस्ट नागपुर, बक्सर बिहार, पूनम गुप्ता निवासी बसई थाना राजपुर बक्सर बिहार भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि नियमानुसार सभी लावारिस शवों को यहां लाए जाने से 72 घंटे तक उनके परिजनों के आने का इंतजार किया जाएगा और यदि ऐसा न हो पाया तो सोमवार सुबह 11 बजे के बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी कर उनका अंतिम संस्कार करा दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि बाकी मृतकों की भी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जो लोग मथुरा व आगरा में इलाज करा रहे हैं अथवा जेल में बंद हैं उन्हें शवों के फोटो दिखाकर शिनाख्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है।