बिहार में लाखों शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है। राज्य में 3 लाख शिक्षकों (Teachers) की बहाली की खबर चल रही थी और शिक्षकों को उम्मीद थी कि इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन शुक्रवार को बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) की बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में शिक्षकों की बहाली नियमावली को मंजूरी नहीं दी गई, जिससे बहाली प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी।
शिक्षक अभ्यर्थी इसलिए भी उम्मीद लगाए बैठे थे क्योंकि गुरुवार को ही बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Prof. Chandrashekhar) ने ट्वीट करते हुए बताया था कि जल्द 3 लाख शिक्षकों की बहाली कराई जाएगी। इसके बाद शिक्षकों की उम्मीद बढ़ गई कि शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में नियमावली को मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन नियमावली को मंजूरी नहीं मिली, जिससे लाखों अभ्यर्थी निराश हैं।
बता दें कि 2 दिन पहले भी शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) ने ट्वीट कर कहा था कि उनके विभाग ने नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और अब यह मंजूरी के लिए कैबिनेट में जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “सातवें फेज में शिक्षक नियोजन नियमावली पर मैंने हस्ताक्षर कर दिया है। अब ये कैबिनेट में जाएगा। 2023 में शिक्षा विभाग में 3 लाख से अधिक नौकरी मिलेंगी। महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) ने 10 लाख नौकरी का जो वादा किया है। हम उसपर क़ायम हैं और उसे पूरा करके दिखाएंगे।
बता दें कि पिछले 3 सालों से सातवें चरण की शिक्षक बहाली रुकी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि राज्य में 20 लाख भर्तियां की जाएंगी। उसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि 20 लाख में से साढ़े तीन लाख भर्तियां शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। उसके बाद से ही अभ्यर्थी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें नौकरी मिलेगी।
वर्तमान में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में ही वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। लेकिन सरकार नहीं बन पाई। उसके बाद जब पिछले वर्ष अगस्त महीने में आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनी, फिर से तेजस्वी ने वादा दोहराया था।