श्री राम जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन से जुड़े और पंचखंड, विराटनगर के पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र ने केन्द्र सरकार पर रामभक्तों की अपेक्षा की कसौटी पर खरा नहीं उतरने का आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार राम मंदिर के मुद्दे पर अपना रुख 17 फरवरी तक स्पष्ट करे। आचार्य धर्मेन्द्र ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू करे अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि विराटनगर में आगामी 17 फरवरी को एक संत सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें देशभर के संत हिस्सा लेंगे और यदि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कानून या अध्यादेश द्वारा मंदिर निर्माण के बारे में कोई निर्णय नहीं किया तो आगे की रणनीति तय की जायेगी।
उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिये पांच वर्ष का समय कम नहीं होता है। सवाल प्राथमिकताओं का है। केन्द्र में भाजपा को जो प्रचंड ऐतिहासिक बहुमत प्राप्त हुआ वो कम से कम एक अरब राम भक्तों की अकांक्षाओं का परिणाम है। सबको विश्वास था कि भाजपा जब शासन में आयेगी तो श्रीरामजन्म भूमि पर मंदिर बनेगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के रचनात्मक कार्यों में वर्षों से कोई कमी नहीं आने दी गई केवल अनुमति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पाले में गेंद को फेंकना अपने दायित्व से मुकरने का लक्षण है। इसके साथ ही आचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी के एक बार भी अयोध्या नहीं जाने पर भी नाराजगी जताई।
