Bareilly Tension: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर से इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया है। ताकि किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट या फिर अशांति को रोका जा सके। एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, बरेली में 2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

बरेली मंडल के चार जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सड़कों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। साथ ही सुरक्षा की निगाह से ड्रोन से निगरानी की जा रही है। शहर के कुछ संवेदनशील इलाके किले में तब्दील नजर आ रहे हैं। कई इलाकों की गलियां और सड़कें सुनसान हैं।

नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री ने कहा कि स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए इंटरनेट 48 घंटे के लिए बंद रहेगा। यह एहतियात पिछले हफ़्ते शुक्रवार की नमाज़ के बाद ‘आई लव मुहम्मद’ विवाद को लेकर एक जुलूस के दौरान हुई झड़पों के बाद उठाया गया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। अब तक स्थानीय मौलवी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रज़ा खान, उनके करीबी सहयोगी डॉ. नफीस खान और नदीम खान समेत 80 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।

गुरुवार को आला हजरत एसोसिएशन ने लोगों से शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्वक अदा करने और शीघ्र घर लौटने का आग्रह किया। दरगाह आला हज़रत स्थित सुन्नी मरकज़ से जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन ख़ान ने इमामों और आम जनता से शांति बनाए रखने, अफ़वाहों से बचने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की। ​​उन्होंने सद्भावना के लिए जुमे की नमाज़ के दौरान विशेष नमाज़ पढ़ने का भी अनुरोध किया।

मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रशासन की ओर से कार्रवाई की आशंका बनी हुई है। बरेली विकास प्राधिकरण की टीमें उल्लंघनों की पहचान के लिए संपत्तियों का सर्वे कर रही हैं। बिना स्वीकृत मानचित्रों या भवन नियमों का उल्लंघन करने वाली संरचनाओं को नोटिस, सीलिंग और ध्वस्तीकरण का सामना करना पड़ेगा।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकंदन ए ने कहा कि दंगा करने के आरोपियों और उनके समर्थकों के खिलाफ हर स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। हर अवैध ईंट का हिसाब लिया जाएगा। यह अभियान आरोपियों के लिए एक सबक और कानून तोड़ने वालों के लिए एक चेतावनी का काम करेगा।

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वहीं, इससे इससे पहले सहारनपुर में चंद्रशेखर आजाद को नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि वह पिछले हफ़्ते हुई हिंसा में प्रभावित लोगों के परिवारों से मिलने की योजना बना रहे थे। आजाद ने सरकार पर पीड़ितों और विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और हिंसा की निष्पक्ष जाँच की मांग की।

सहारनपुर के एसएसपी आशीष तिवारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि बरेली के जिला मजिस्ट्रेट के पत्र के बाद सहारनपुर के छुटमलपुर इलाके में आज़ाद के घर के बाहर फ़तेहपुर और देहात थानों से पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बरेली में उनकी मौजूदगी से शहर में क़ानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।

बुधवार को दो कांग्रेस नेताओं – सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद और अमरोहा के पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली को बरेली जाने से रोकने के लिए नजरबंद कर दिया गया था।

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