विधान सभा चुनाव की तैयारियों में लगी कांग्रेस के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। पार्टी से खफा मुस्लिम नेताओ ने कांग्रेस छोड़ने की धमकी दी है। बुधवार को कांग्रेस ने तेलंगाना चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की थी। इसके सामने के बाद नेताओं ने बागवत छेड़ दी है। इस लिस्ट से करीब 10 लोगों के नाम गायब हैं। इसमें कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता आबिद रसूल खान का नाम भी नहीं हैं। आबिद ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात तक नहीं की। नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की प्रतिद्वंदी भाजपा मुस्लिमों के लिए ज्यादा बेहतर है। टिकट बंटवारे से नाराज तेलंगाना कांग्रेस इकाई के वरिष्‍ठ मुस्लिम नेता आबिद रसूल खान ने कहा, अब उनके सामने एक ही विकल्प है कि वह पार्टी छोड़ दें। उन्होंने कहा, कांग्रेस के बेहतर तो बीजेपी है, जो मुस्लिम नेताओं को अच्‍छी डील देती है।

बैंगलोर मिरर की खबर के मुताबिक, कांग्रेस में मुसलमान नेता नए बने तेलंगाना राज्य में अपने समीकरण के हिसाब से 14 सीटें मांग रहे हैं। जबकि पार्टी की तरफ से सिर्फ चार सीटें ही दो लिस्ट में सामने आईं। राज्य में टीडीपी, सीपीआई और टीजेएस के साथ महागठबंधन बनाकर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। विधानसभा की कुल 119 सीटों में से कांग्रेस 94 पर चुनाव लड़ेगी। इनमें से 75 सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों के काम का ऐलान कर चुकी है।

अब्दुल रसूल ने कहा, कांग्रेस ने जो चार सीटें मुस्लिमों को दी हैं, उनमें से तीन हैदराबाद ओल्ड सिटी से हैं। जो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का गढ़ हैं। यहां किसी अन्य मुस्लिम के लिए सीट निकालना नामुमकिन है। वहीं चौथी सीट कामारेड्डी पर लम्बे समय से पूर्व मंत्री शबीर अली लंबे समय का वर्चस्व है। उन्‍होंने कहा, हमने राहुल गांधी और तेलंगाना कांग्रेस प्रभारी आरसी खुंटिया से मिलने के लिए समय मांगा था। लेकिन हमें मिलने के लिए समय नहीं दिया गया। हम अपने समुदाय के लोगों के जबरदस्त दबाव में हैं।’