पांच सौ और 1000 रुपए के नोटों का प्रचलन बंद करने को ‘जल्दबाजी’ में उठाया गया कदम करार देते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज कहा कि इसने अफरा-तफरी की स्थिति पैदा की है और गरीबों और मध्यम वर्ग को गहरी परेशानी में डाल दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह तत्काल अपना फैसला वापस लें। हैदराबाद लोकसभा सदस्य ने कहा कि भारत के सिर्फ दो फीसदी लोग नगदी रहित अर्थव्यवस्था में लेन-देन करते हैं जबकि शेष 98 फीसदी लेन-देन नकदी के जरिए होता है। उन्होंने गौर किया कि लोग यथा दिहाड़ी मजदूर, चालक, नलकार और नौकरानियां नकदी के जरिए अपनी आजीविका अर्जित करती हैं।

 

ओवैसी ने यहां कहा, ‘‘यह जल्दबाजी में किया गया है और अब ये सभी मध्यमवर्ग, गरीब लोग, श्रमिक, खेतिहर मजदूर, चालक गंभीर परेशानी में हैं। यह अफरा-तफरी की स्थिति है।’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारी अफरा-तफरी, उथल-पुथल पैदा करने जा रहा है। इसने बाजार में पहले ही उथल-पुथल पैदा की है।’ उन्होंने कहा कि जो लोग नकदी में अपना वेतन हासिल करते हैं, उन्हें अब नहीं पता है कि वे इसका क्या करें।