हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने तेलंगाना की KCR सरकार को विवादों में ला खड़ा किया। दरअसल, बीजेपी के नेताओं ने तेलंगाना स्टेट इंटेलिजेंस स्पेशल ब्रांच के एक के एक पुलिसकर्मी को पकड़ा है। इन्स्पेक्टर रैंक का यह अधिकारी मीटिंग हॉल में टेबल पर रखे दस्तावेज की फोटो क्लिक कर किसी को भेज रहा था। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय यह घटना हुई, उस समय मीटिंग नहीं चल रही थी। कोई भी नेता वहां मौजूद नहीं था। टेबल पर बैठक से जुड़े पेपर रखे हुए थे। पुलिस का अफसर इन दस्तावेजों की फोटो क्लिक कर किसी को भेज रहा था। भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई थी। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ 19 राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के दूसरे दिग्गज नेता शामिल हुए हैं।

कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन बीजेपी ने आर्थिक और गरीब कल्याण संकल्प का पहला प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया है कि देश में गरीबों की चिंता भाजपा सरकार की प्राथमिकता रही है। हर एक कदम, हर एक फैसला देश के गरीबों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने किया है। लेकिन इसे आगे बढ़ाए जाने की बेहद जरूरत है। बीजेपी अपने अगले मिशन के तहत इस संकल्प पर संजीदगी से काम करेगी।

तांत्रिक की सलाह पर सचिवालय नहीं जाते KCR

अमित शाह ने रविवार को परेड ग्राउंड में एक रैली के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार की कमान ओवैसी के पास है और उनके इशारों पर ही काम होते। अमित शाह ने कहा कि केसीआर को जनता से कोई मतलब नहीं है।

शाह का कहना था कि उन्हें सिर्फ अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता है। वो केवल इस वजह से कभी सचिवालय क्यों नहीं जाते, क्योंकि उन्हें एक तांत्रिक ने मना किया है। तांत्रिक का कहना है कि अगर वो सचिवालय जाएंगे तो सरकार गिर जाएगी। शाह का कहना था कि तेलंगाना की जनता का हित केवल बीजेपी ही साध सकती है।