तेलंगाना के हैदराबाद में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने देश के पुलिस प्रशिक्षण संस्थान को किसी काम के नहीं होने की बात है। बता दें कि मामले में तेलंगाना राज्य पुलिस अकादमी (टीएसपीए) के निदेशक वी के सिंह ने दावा करते हुए कहा, ‘इनसे कोई मकसद हल नहीं होता और ना ही ये जनता के लिए लाभकारी रहे हैं।’ गौरतलब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए देश का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैदराबाद में है। इससे पहले देश के भारतीय पुलिस सेवा के अन्य अधिकारियों ने भी देश और संविधान के प्रति चिंता व्यक्त की है। उन लोगों ने देश और संविधान को खतरे में बताया है।
क्या कहना है सिंह काः इस मामले में वी के सिंह ने कहा कि एसवीपीएनपीए समेत देशभर में ऐसे प्रशिक्षण संस्थान अनुपयोगी रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले 70 साल में पुलिस को लेकर लोगों की धारणा में कोई खास बदलाव नहीं आया है। उनके अनुसार, लोगों के मन में आज भी ब्रिटिश काल की छवि है। सिंह ने दावा किया कि राज्य सरकारों और केंद्र द्वारा पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों पर खर्च किए जा रहे पैसे भी बेकार जा रहा है। बता दें कि सिंह के इस बयान ने एक नया विवाद छेड़ दिया है।
National Hindi News, 4 October 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
आईएएस अधिकारी ने दिया था इस्तीफाः बता दें कि कुछ महीने पहले ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद कई सरकारी अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि यह अलग बात है कि वे खुल कर सामने नहीं आए। ऐसे में सरकार के इस फैसले से आईएएस अधिकारी कानन गोपीनाथ ने इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि देश में हालात ठीक नहीं है। उनका यह भी कहना था कि सरकार के कई कदम से देश और संविधान खतरे में हैं।
क्या है ‘सिविल सेवा परीक्षा’: भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती के लिए हर वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एक परीक्षा का आयोजन करता है। इस परीक्षा को ‘सिविल सेवा परीक्षा’ कहते हैं। बता दें कि इसके परीक्षा में बैठने के लिए सिविल सेवा उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से ग्राजुएट होना जरूरी है।