नीतीश कुमार और एनडीए के गठबंधन वाली सरकार ने शुक्रवार (28 जुलाई) को विश्वास मत हासिल कर लिया। बावजूद इसके चर्चा का विषय लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव बने। विधानसभा में तेजस्वी का भाषण इतना प्रभावशाली रहा कि बीजेपी के एक सीनियर नेता को भी कहना पड़ा कि तेजस्वी से ऐसे भाषण की उम्मीद नहीं थी। तेजस्वी यादव ने नीतीश को घेरते हुए कई मुद्दों का जिक्र किया। पूछा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के पीछे उनकी मंशा क्या है? उन्होंने नीतीश के इस कदम को लोकतंत्र की हत्या भी बताया। हालांकि, इतना सब होने के बावजूद एनडीए 131-108 से जीत गई।

तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता चुना गया था। सबसे पहले उनको ही बोलने का मौका मिला। कार्यवाही के दौरान आरजेडी नेता ललित यादव और भाई बीरेंद्र सिंह नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे। उस वक्त तेजस्वी ने अपनी समझदारी दिखाते हुए उनसे कहा कि आप शांति से बैठ जाइए, इनके लिए मैं अकेला काफी हूं।

सुनिए तेजस्वी यादव का भाषण

नीतीश कुमार को बॉस से संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘आपके पास 91 एमएलए थे बॉस।’ उन्होंने नीतीश से यह तक पूछ लिया कि क्या उनको शपथ लेते हुए शर्म नहीं आई? इसपर बीजेपी नेताओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया। लेकिन तेजस्वी ने साफ कहा कि ऐसा बोलने में कुछ गलत नहीं है।

इसके बाद तेजस्वी ने नीतीश से कहा कि आप ‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ की तरफ बढ़ चले हैं। तेजस्वी बोले कि जो कोई भीड़ द्वारा मारपीट और बीजेपी के खिलाफ बोलता है उसे एंटी नेशनल कहा जाता है, लेकिन अब आप (नीतीश) राष्ट्रवादी हो गए हैं। तेजस्वी ने आगे कहा कि वैसे तो नीतीश विपक्ष की एकजुटता की बात करते थे लेकिन सोनिया गांधी की मीटिंग में जाने की जगह वह पीएम मोदी के डिनर में पहुंचे थे।

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर ड्रामा रचा। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश पिछले छह-सात महीनों से बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रहे थे।