उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के शिक्षकों के एक समूह ने मंगलवार को यहां सिविक सेंटर पर बकाया वेतन को जारी करने, कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक मदद मुहैया कराने समेत कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
उधर, गुजरात पुलिस के जवानों और उनके परिजनों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सोशल मीडिया, धरना और रैलियों का सहारा लेने के बाद प्रदेश के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
दिल्ली में महामारी के दौरान विभिन्न तरह की ड्यूटी पर लगाए गए कई शिक्षकों की मौत हो गई। मंगलवार को एनडीएमसी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव डालने के लिए नगर निगम के मुख्यालय–सिविक सेंटर- पर विरोध प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व करने वाले संगठन ‘शिक्षक न्याय मंच नगर निगम’ के प्रमुख कुलदीप सिंह खत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में शिक्षकों के वेतन, भत्ते और सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन लंबित हैं।
उन्होंने दिवाली बोनस, महंगाई भत्ता (डीए) और मकान किराया भत्ता (एचआरए) का भुगतान करने की मांग की, जो 2020 से ही रुका है। संगठन ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिवारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने की मांग की। शिक्षकों की मांगों पर तत्काल एनडीएमसी के अधिकारियों ने प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दूसरी तरफ गुजरात के पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) ब्रजेश कुमार झा ने बताया कि जवानों की मांगों को लेकर मंत्री ने दिन में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और अन्य राज्यों के ग्रेड पे से संबंधित जानकारी मांगी।
कहा, उनके पास मौजूद प्राथमिक जानकारी के अनुसार कोई भी राज्य पुलिसकर्मियों को 4500 का ग्रेड पे नहीं देता।
बताया,‘‘बैठक के दौरान उन पुलिस जवानों के खिलाफ कार्रवाई पर भी चर्चा की गई जो अपनी मांगों को उचित मंच पर उठाने के बजाय सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।’’
कांस्टेबल से लेकर उपनिरीक्षक पद तक के अधिकारी ग्रेड पे में वृद्धि की मांग कर रहे हैं और गांधीनगर और सूरत सहित विभिन्न शहरों में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंगलवार को धरना दिया।
पुलिस कर्मी कांस्टेबल का ग्रेड पे 2800 रुपये, हेड कांस्टेबल का ग्रेड पे 3600 रुपये और उप निरीक्षक का ग्रेड पे 4400 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों की मांग का समर्थन किया है और राज्य की भाजपा सरकार से सहानुभूति तरीके से उनकी मांगों पर विचार करने को कहा है।