जयललिता की पार्टी पर कब्जे को लेकर चेन्नई में आज खासा बवाल मचा। हाईकोर्ट का फैसला आते ही पनीरसेल्वम समर्थकों ने ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले जमकर बवाल काटा। लेकिन उसके बाद हुई बैठक में पलानीस्वामी AIADMK के नए बॉस बनकर सामने आए। बैठक में एडप्पादी के. पलानीस्वामी को वनगरम में पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक में AIADMK का अंतरिम महासचिव चुना गया।
मद्रास HC ने आज होने वाली AIADMK आम परिषद की बैठक के लिए अनुमति दी है। पन्नीरसेल्वम द्वारा बैठक को रोकने के लिए हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज किया जिसमें अंतरिम महासचिव पद को फिर से बहाल करने और समन्वयक के साथ-साथ संयुक्त समन्वयक पदों को समाप्त करने का प्रस्ताव है।
उसके बाद AIADMK नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक के लिए अपने आवास से रवाना हुए। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए रास्ते में एकत्र हुए। एडप्पादी के. पलानीस्वामी पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक के लिए वननगरम में पार्टी कार्यालय पहुंचे। लेकिन पन्नीरसेल्वम समर्थकों ने एडप्पादी के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक से पहले AIADMK कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया।
उधर बैठक के दौरान AIADMK जनरल काउंसिल ने पार्टी के दोहरे नेतृत्व को खत्म करने और पार्टी के लिए उप महासचिव पद सृजित करने का प्रस्ताव पारित किया। जनरल काउंसिल ने महासचिव पद को फिर से स्थापित करने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा पद के लिए एक व्यक्ति का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। चुनाव 4 महीने बाद होगा।
#WATCH Chennai, TN: O Paneerselvam supporters break open the door of AIADMK office, ahead of party's general council meeting being led by E Palaniswami pic.twitter.com/A5wNwpHPgk
— ANI (@ANI) July 11, 2022
AIADMK की आम परिषद की बैठक में पेरियार, एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे जयललिता को भारत रत्न देने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया। बता दें कि ई पलानीस्वामी की अध्यक्षता में अन्नाद्रमुक आम परिषद की बैठक में 16 प्रस्तावों के पारित होने की उम्मीद है।
उधर बता दें कि अन्नाद्रमुक(AIADMK) के वरिष्ठ नेता के.पी.मुनुसामी ने शनिवार को ओ.पनीरसेल्वम आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी कोषाध्यक्ष ओ.पनीरसेल्वम ने सत्तारूढ़ द्रमुक से नजदीकी बना ली है और अब उनके साथ किसी भी तरह का संबंध रखना असंभव है। मुनुसामी ने कहा कि पनीरसेल्वम द्रमुक शासन का पक्ष ले रहे हैं और जब वह सत्तारूढ़ दल की प्रशंसा करेंगे तो इससे अलगाव की स्थिति उत्पन्न होगी।