तमिलनाडु में एक मार्च से कोका-कोला और पेप्सी कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली सॉफ्ट ड्रिंक नहीं बेची जाएंगी। दरअसल, भारतीय ब्रांड्स को आगे बढ़ाने के लिए यह किया जाने वाला है। इसके लिए तमिलनाडु के ट्रेडर ऑर्गेनाइजेशन ने अपने सभी सदस्यों से कह दिया है कि वह इन दोनों ‘बाहरी कंपनियों’ द्वारा बनी सॉफ्ट ड्रिंक्स को ना बेचें। द हिंदु अखबार की खबर के मुताबिक, Tamil Nadu Vanigar Sangangalin Peramaipu नाम के संगठन के अध्यक्ष एएम विक्रमराजा फरवरी यानी अगले महीने पूरा वक्त ट्रेडर्स के साथ बिताएंगे। इसमें वह उन लोगों को समझाएंगे कि विदेशी ब्रांड भारत के लिए शैतान हैं। हिंदू को दिए गए इंटरव्यू में विक्रमराजा ने कहा, ‘वे हमारे शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें से एक ब्रांड ने तो माना भी है कि उसकी उत्पाद बच्चों के लिए अच्छे नहीं होते क्योंकि उसमें कैमिकल होते हैं।’

जल्लीकट्टू के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मरीना बीच पर भी ऐसे उत्पादों की ब्रिकी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई थी। विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि ऐसी कंपनियां उनके राज्य का पानी इस्तेमाल करके उत्पाद बनाती है जो कि राज्य के लोगों पर पानी का संकट ला देगा। मिली जानकारी के मुताबिक, फेडरेशन के पास उत्पादों को बैन करने का अधिकार नहीं है। इसलिए वे लोग उत्पादों को ना बेचने की सलाह दे रहे हैं।

दुकानदारों और बाकी लोगों को बताया जा रहा है कि ऐसी ड्रिंक्स में कई तरह के कीटनाशक होते हैं। संगठन के लोग यह भी कह रहे हैं कि इन उत्पादों को बंद करने की जिम्मेदारी सरकार की है। होटल, रेस्टोरेंट्स से भी इनको ना बेचने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि नेलसन द्वारा दिए गए आंकडों के मुताबिक, Coca-Cola और PepsiCo की 80 प्रतिशत मार्केट भारत में है।