तमिलनाडु की सरकार ने तूतीकोरिन जिले में पिता-पुत्र की मौत के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्णय किया है। दोनों की मौत कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के कारण हुई थी। यह बात रविवार को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार के निर्णय से मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया जाएगा और केंद्रीय एजेंसी को जांच स्थानांतरित करने से पहले उच्च न्यायालय से अनुमति ली जाएगी।

पलानीस्वामी ने कहा, “सरकार ने निर्णय किया है कि सीबीआई मामले की जांच करेगी।” पी जयराज और उनके बेटे फेनिक्स को अपनी मोबाइल फोन की दुकान समय सीमा के बाद खोलकर लॉकडाउन के नियमों का ‘उल्लंघन’ करने के आरोप में 23 जून को गिरफ्तार किया गया था। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में उनकी बुरी तरह की पिटाई की। इस घटना की राष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई जिसके बाद दो उपनिरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर शोक जताया है। राहुल ने दुख प्रकट करते हुए दोनों के लिए न्याय की मांग की है। राहुल ने कहा कि वह कोविड-19 के हालात के कारण परिवार को ढांढस बंधाने सतनकुलम नहीं जा सकते जहां पिछले सप्ताह यह घटना घटी। तुतिकोरिन जिले में पार्टी के शक्ति मंच के सदस्यों को भेजे एसएमएस में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमें तब तक आंदोलन करना चाहिए, जब तक इन मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं मिल जाए।’’

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के एस अलागिरी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘मैं पुलिस कार्रवाई से व्यथित और दुखी हूं जिसकी वजह से जयराज और फेनिक्स की मौत हो गयी।’’ उन्होंने पार्टी सदस्यों से आज शाम सात बजे दोनों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोमबत्ती जलाने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि पी जयराज और उनके बेटे फेनिक्स को उनकी सेलफोन की दुकान पर ज्यादा देर काम करके लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 23 जून को कोविलपट्टी के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उनके परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने सतनकुलम पुलिस स्टेशन में उनके साथ बुरी तरह मारपीट की थी। इस घटना से राज्य में आक्रोश फैल गया था और दो उप-निरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।