तमिलनाडु के तांबरम शहर में रह रहे झारखंड के एक युवक को पुलिस ने कथित तौर पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए फर्जी वीडियो बनाने के आरोप में पकड़ा है। पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक इस वीडियो के जरिए राज्य में रह रहे प्रवासियों में अशांति पैदा करना चाहता था। युवक पर आरोप है कि वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर वीडियो में यह दिखाना चाहता था कि तमिलनाडु के लोग उसे मार रहे हैं और वह सरकार से उसे अपने शहर वापस भेजने में मदद का अनुरोध करने का अनुरोध कर रहा था।

जांच में हुआ खुलासा तो पकड़ा गया

जब पुलिस ने वीडियो की जांच की तो सारा मामला खुल गया। पुलिस ने उसको पकड़ कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपी युवक का नाम मनोज यादव है और वह झारखंड का रहने वाला है। इन दिनों वह तमिलनाडु के तांबरम शहर के मराईमलाई नगर में रह रहा था।

इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्य में प्रवासी श्रमिक समुदाय तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत मंगलवार को तिरुनेलवेली के एक कारखाने में श्रमिकों के एक समूह के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य में प्रवासी श्रमिकों में से कुछ पर हमलों के कथित फर्जी वीडियो को लेकर प्रवासी श्रमिकों के बीच फैली आशंकाओं के मद्देनजर आया है। इसने बिहार सरकार को स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए प्रेरित किया था।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्टालिन ने जिले में हाथ के दस्ताने बनाने वाली कंपनी कणम लेटेक्स का दौरा किया और प्रवासी श्रमिकों के साथ बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। स्टालिन ने प्रवासी श्रमिकों के साथ कुछ मुद्दों को लेकर चर्चा की जैसे वे तमिलनाडु में कितने समय से हैं, क्या स्थानीय लोगों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया और क्या उन्हें किसी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

श्रमिकों ने उन्हें बताया कि उनके पास काम का अच्छा माहौल है, कुछ तमिलनाडु में पांच साल से अधिक समय से रह रहे हैं, उनमें से कई अपने परिवारों के साथ हैं और स्थानीय लोग उनके साथ भाईचारे का व्यवहार कर रहे हैं। श्रमिकों ने राज्य सरकार द्वारा मदद दिया जाना स्वीकार करते हुए उन्हें बताया कि उन्हें कोई भय नहीं है और वे यहां उसी तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं जैसे वे अपने मूल स्थानों पर करते हैं।