UP Politics: उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद सपा नेता और यूपी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से नेताओं का मिलने का सिलसिला जारी है। 8 अक्टूबर को सपा चीफ अखिलेश यादव ने खुद रामपुर पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की थी। इसी बीच शनिवार को राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम खान से उनके आवास पर मुलाकात की।

सपा नेता से मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज़म खां पर राजनीतिक विद्वेष की भावना से कार्रवाई की गई है। सरकार बनने पर उनको इसका परिणाम भुगतना होगा। मौर्य ने कहा कि सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला सरकार का बहुत निंदनीय है।

बरेली में हुई हिंसा को लेकर स्वामी प्रसाद प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा ने यह सोंची-समझी साजिश के तहत कराया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है। लगातार मुसलमान को टारगेट किया जा रहा है, मस्जिदें बुलडोजर से ध्वस्त की जा रही हैं।

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शनिवार को डेढ़ बजे रामपुर में जेल रोड से सटे क्षेत्र में आजम खान के मकान पर पहुंचे। गली के बाहर उन्हें पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम रिसीव कर अंदर ले गए, जहां उन्होंने करीब पौने तीन बजे तक आजम खान से मुलाकात की। उसके बाद बाहर आने पर उन्होंने मीडिया से बात भी की।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी मुलाकात को औपचारिक बताते हुए कहा कि आजम खान 10 बार के विधायक व चार बार मंत्री व नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। लोकसभा व राज्यसभा के भी सदस्य रहे हैं। प्रदेश व देश में उनका बड़ा नाम है। उन्होंने बेदाग राजनीति की है। उन पर भैंस, बकरी चोरी जैसे आरोपों में कार्रवाई लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है। दुर्भावना से कार्रवाई कराकर उन्हें लंबे समय तक जेल में रखा। अब जमानत पर बाहर आएं हैं। भाजपा की इस दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की जितनी निंदा की जाए, कम है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि यह कार्रवाई तानाशाही रवैये का प्रतीक है। सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये को दर्शाता है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री मौर्य ने कहा कि इतना अन्याय, अत्याचार आपातकाल में भी नहीं हुआ। राजनीति में स्वाभाविक रूप से विचारों की लड़ाई होती है। आजम खान को वरिष्ठतम नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी से राजनीति में लंबा समय गुजारा है। ऐसे नेता पर की गई कार्रवाई निंदनीय है। भाजपा सरकार ने इस तरह की कार्रवाई कर जो राजनैतिक द्वेष भावना की कार्रवाई का बीज बोया है। उसका भारतीय लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। इसका शिकार कभी भेदभाव करने वालों को भी होना पड़ सकता है।

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मीडिया के सवालों पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि 2027 का चुनाव ‘यूपी बचाओ भाजपा हटाओ’ के नाम पर होगा। लोगों ने भूल से या चूक से भाजपा को वोट दिया, जिसका खामियाजा आज पूरे देश को उठाना पड़ रहा है। कहीं मदरसे बंद किए जा रहे हैं तो कहीं बुलडोजर से मस्जिदें व मजार तोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रटे हुए तोते की तरह जीरो टालरेंस की बात करते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश में अपराध सबसे ज्यादा बढ़े हैं। भाजपा ने इस देश के करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार बनाया।

सियासत छोड़िए, फिलहाल स्वास्थ्य जरूरी- आजम खान

वहीं, सपा नेता आजम खान ने इशारों में साफ किया कि अभी उनका पूरा फोकस स्वास्थ्य पर है। उन्होंने भाजपा शासन को निशाने पर लेते हुए खुद को “मजलूम” बताते हुए सरकार की कार्रवाई को व्यक्तिगत और पारिवारिक तबाही का कारण बताया। सियासी समीकरणों को लेकर उन्होंने कहा कि मुर्गा बांग नहीं देगा तो सूरज नहीं निकलेगा? यानी उनके बिना भी सियासत चलेगी। फिलहाल वे सिर्फ अपनी सेहत को प्राथमिकता दे रहे हैं। मुलाकात को लेकर दोनों नेताओं ने कोई ठोस सियासी संकेत नहीं दिया, लेकिन मुलाकात के मायने और अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं।

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