उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य, संघमित्रा मौर्य समेत तीन लोगों के खिलाफ आदेश जारी किया गया और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया। सीजेएम तृतीय एमपी-एमएलए आलोक वर्मा की कोर्ट ने लखनऊ के गोल्फ सिटी निवासी पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार की याचिका के संबंध में फैसला सुनाया।
बता दें कि इस मामले में आरोपियों को तीन बार समन, दो बार जमानती वारंट और एक बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। स्वामी प्रसाद मौर्य और संघमित्रा मौर्य इस मामले को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट भी पहुंचे थे। लेकिन वहां पर जस्टिस जसप्रीत सिंह की अदालत ने मौर्य परिवार को कड़ी फटकार लगाई थी।
कोर्ट ने कहा था कि आपके खिलाफ पर्याप्त सबूत है, आपको एमपी एमएलए कोर्ट ही जाना होगा। इसके बाद स्वामी प्रसाद और उनके सहयोगी आरोपी सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट में भी उनके मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। वहीं दीपक कुमार स्वर्णकार की तरफ से उनके वकील ने कहा है कि हमें पूरा विश्वास है, हमें जल्द न्याय मिलेगा।
बता दें कि ये मामला संघमित्रा मौर्य की शादी से जुड़ा है। दरअसल दीपक कुमार स्वर्णकार ने खुद को संघमित्रा का पति बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है। संघमित्रा पर आरोप है कि उन्होंने गुमराह करके दीपक स्वर्णकार से शादी की, इसके बाद उन पर जानलेवा हमला कराया गया और 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी हलफनामे में शादी की गलत जानकारी भी दी।
दीपक कुमार स्वर्णकार के आरोप के अनुसार संघमित्रा मौर्य और वह 2016 में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि संघमित्रा का पहले विवाह के बाद तलाक हो चुका है। दीपक के अनुसार 3 जनवरी 2019 को उन्होंने संघमित्रा के घर में उनसे शादी कर ली। बाद में पता चला कि शादी की बात सामने न आने पाए, इसलिए जानलेवा हमला कराया गया।
