उत्तर प्रदेश में अगले महीने होने जा रहे चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए सरकार के ही वरिष्ठ मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा दे दिया है। समाजवादी पार्टी का दावा है कि वह उनके साथ आ गए हैं। खुद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ तस्वीर शेयर कर पार्टी में उनके स्वागत की बात लिखी है, मौर्य की बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने बदायूं में पत्रकारों से कहा कि उनके पिता सपा ही नहीं, फिलहाल किसी दल में शामिल नहीं हुए हैं, वह अगले दो दिनों में आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे। इससे यूपी की राजनीति में ट्विस्ट आ गया है।

पीटीआई को संघमित्रा मौर्य ने बताया कि “उनके पिता ने निश्चित रूप से इस्तीफा दे दिया है लेकिन समाजवादी पार्टी या किसी अन्य संगठन में शामिल नहीं हुए हैं।” समाजवादी पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत करते हुए अखिलेश यादव के ट्विटर पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि “2016 में भी जब उनके पिता ने बसपा छोड़ दी थी, तब शिवपाल यादव ने उनके साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थी।”

उन्होंने कहा कि उनके पिता ने मीडिया से कहा है कि वह दो दिन बाद अपनी रणनीति तय करेंगे। दूसरी तरफ इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर असर के संबंध में सवाल करने पर मीडिया से कहा, ‘‘मेरे इस्तीफे का असर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद आपको नजर आएगा। 10 मार्च को जो भी होगा, आपके सामने होगा।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की राजनीति स्‍वामी प्रसाद मौर्य के चारों ओर घूमती है। जिन नेताओं को घमंड है कि वो बहुत बड़े तोप हैं, तो 2022 के चुनाव में मैं ऐसा दागूंगा, ऐसा दागूंगा कि भाजपा के नेता स्वाहा हो जाएंगे।”

बेटा-बेटी को सपा से टिकट मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘बात बेटा-बेटी की नहीं, विचारधारा की है। मैं (डॉक्टर भीम राव) आंबेडकर की विचारधारा का हूं और पांच साल तक पीड़ा में भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया।’’