सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (19 जून, 2020) को एक अहम फैसला देते हुए ओडिशा के पुरी में मशहूर जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा दी। ये रथ यात्रा 23 जून को होनी थी। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि इससे जुड़ी सभी गतिविधियों को कोविड-19 के चलते रोक दिया जाएगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में उड़ीसा के पुरी में इस साल की रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बकौल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा अगर हम इस साल रथ यात्रा की अनुमति देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम आयोजित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब महामारी फैली हो तो ऐसी यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती जिसमें बड़ी तादाद में लोग आते हो। ऐसे में लोगों की स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए।
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चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।इधर एक एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि रथयात्रा से कोरोना फैलने का खतरा रहेगा। कोर्ट अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती?
उल्लेखनीय है कि देश में भी कोरोना वायरस महामारी बुरी तरह फैल रही है। भारत में पिछले चौबीस घंटों में 12,881 नए मामलों की पुष्टि हुई है। गुरुवार (18 जून, 2020) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ये एक दिन में अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी है। इस दौरान 334 लोगों की मौत भी हुई है। मंत्रालय के मुताबिक नए मामलों के साथ देश में अब कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 3,66,946 हो गई है।
अच्छी बात ये है कि इनमें 1,94,325 मरीज ठीक हो चुके हैं। हालांकि 1,60,384 केस अभी भी एक्टिव हैं। देश में कोरोना से अब तक 12,237 लोगों की मौत हो चुकी है। बकौल भारत सरकार देश अब कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 52.95 फीसदी हो गई है। देश में अब ठीक होने और मृत्यु का अनुपात 94.07 फीसदी और 5.93 फीसदी हो गया है।