झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। अपनी याचिका में मधु कोड़ा ने कोयला घोटाला मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना खत्म हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के 18 अक्टूबर के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उनकी यह दोषसिद्धि 2017 में हुई थी।
मधु कोड़ा को जब सजा हुई थी, तब वह विधानसभा के सदस्य नहीं थे
जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कोयला घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व सीएम मधु कोड़ा की याचिका पर कहा, ‘हम अफजाल अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत हैं. दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए कई फैक्टरों को ध्यान में रखना पड़ता है, जो कोई नियमित बात नहीं है। अफजाल अंसारी केस में अपीलकर्ता विधायिका का मौजूदा सदस्य था, लेकिन यहां पर ऐसी स्थिति नहीं है। ऐसे में कोर्ट याचिका खारिज करती है।” मधु कोड़ा को जब सजा हुई थी, तब वह विधानसभा के सदस्य नहीं थे। ऐसे में यह स्थिति अलग है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
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सात साल पहले 13 दिसंबर को मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को राज्य में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक को कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (VISUL) को आवंटित करने में कथित भ्रष्ट आचरण और आपराधिक साजिश के लिए निचली अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।
मनमोहन सिंह सी यूपीए शासन के दौरान कोयला घोटाले में वीआईएसयूएल, कोड़ा और गुप्ता पर क्रमश: 50 लाख, 25 लाख और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। बसु पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत दे दी गई थी।
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए मतदान दो फेज में 13 नवंबर और 20 नवंबर को होना है। मतगणना 23 नवंबर को होगी। झारखंड में चुनावों के लिए सभी दलों की तैयारियां तेजी से चल रही हैं।