दिल्ली महिला आयोग (DCW) अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। गुरुवार (4 मई, 2023) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने 10 मार्च को डीसीडब्ल्यू में आप नेताओं की नियुक्ति के एक मामले में डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द फैसला देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के खिलाफ एक आपराधिक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने संबंधी का आरोप है। पद का दुरुपयोग करते हुए आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को दिल्ली महिला आयोग में विभिन्न पदों पर भर्ती करने के उन पर आरोप हैं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे के महेश्वरी ने इस मामले में सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने हाई कोर्ट से मामले पर तेजी से फैसला लेने को कहा है। 10 मार्च को हाई कोर्ट ने मालीवाल के खिलाफ मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आर्थिक लाभ प्राप्त करने के कोई अनिवार्य तत्व उपस्थित नहीं हैं।

निचली अदालत ने 8 दिसंबर को मालीवाल और तीन अन्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1)(डी)(जन सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। इसमें अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों ने एक दूसरे के साथ मिलकर षड्यंत्र रचते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया और आप कार्यकर्ताओं के लिए आर्थिक लाभ प्राप्त किया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आप कार्यकर्ताओं को समुचित प्रक्रिया का पालन किए बिना दिल्ली महिला आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया।