सेंट स्टीफंस कालेज की एक शोध छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर को कथित तौर पर बचाने को लेकर कुछ महीनों से आलोचनाओं का सामना कर रहे कालेज के प्राचार्य वाल्सन थंपू ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षक का साथ देना उनकी ओर से किया गया बड़ा साहसिक कार्य रहा है। थंपू पहले भी कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं वे कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों की ओर से पैदा किए गए विवाद का हिस्सा है।
उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में प्रोफेसर का सार्वजनिक रूप से समर्थन करते हुए कहा कि शिकायत द्वेषपूर्ण और झूठी थी। उन्होंने एक फेसबुक टिप्पणी में लिखा कि मैंने अपने जीवन में जो सबसे अधिक साहसिक कार्य किए हैं उनमें से एक सतीश कुमार के साथ खड़ा रहना है जिन्हें बिना किसी आधार के एक कुख्यात और अमानवीय यौन उत्पीड़न के मामले में दुर्भावनापूर्ण तरीके से फंसाया गया और मैं इस बात को लेकर पूरी तरह विश्वस्त हूं।
उन्होंने लिखा कि मैंने किसी उत्पीड़न करने वाले को नहीं बचाया, बल्कि मैं एक अक्षम साथी के साथ खड़ा रहा जिसके सीधे-सरल और ईमानदार होने की वजह से लोग उसके पीछे पड़े रहे। अगर मैं उनका साथ नहीं देता, तो मैं शर्म से मर जाता। छात्रा ने पिछले साल जुलाई में पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि रसायन विज्ञान के प्रोफेसर कुमार जो 85 फीसद विकलांग हैं ने उसका यौन उत्पीड़न किया। प्रोफेसर छात्रा के शोध कार्य का पर्यवेक्षण कर रहे थे।