संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष खासकर कांग्रेस सदस्यों के आसन के समीप आकर शोर शराबा करने की पृष्ठभूमि में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को कहा कि सदस्य संसदीय प्रक्रियाओंं का प्रयोग करते हुए असहमति दर्ज कराएं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कामकाज बाधित न हो।

लोकसभा अध्यक्ष ने सत्र के समापन पर कहा-हम सब इस बात पर विचार करें कि यदि आप किसी मुद्दे पर असहमति दर्ज कराना चाहते हैं तो संसदीय प्रक्रियाओंं का प्रयोग करते हुए शक्तिपूर्वक असहमति दर्ज कराएं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि संसद में चर्चा एवं विधायी कार्य ज्यादा से ज्यादा हों और गतिरोध कम से कम हो। अध्यक्ष ने कहा कि सत्र में व्यवधानों और बाध्य स्थगनों के कारण आठ घंटे 37 मिनट का समय नष्ट हुआ। सुमित्रा महाजन ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती पर भारत के संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता को लेकर सार्थक चर्चाएं हुई।

अध्यक्ष ने सदस्यों को क्रिसमस और नर्व वर्ष के अवसर पर बधाई दी और सभा के सुचारू संचालन के लिए सभी का धन्यवाद किया। इस सत्र के दौरान कई महत्त्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्यों का निपटान किया गया। साथ ही भारत के संविधान के प्रति वचनबद्धता पर दो दिन की विशेष बैठक भी हुई। सत्र के दौरान नौ सरकारी विधेयक पेश किए गए और कुल 13 विधेयकों को मंजूरी दी गई। 2015-16 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें और 2012-13 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों को भी मंजूरी दी गई।