Sultanganj Vidhan Sabha Seat Result 2025: सुल्तानगंज विधानसभा सीट से इस बार भी प्रमुख दलों ने अपने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है। जदयू ने मौजूदा विधायक ललित नारायण मंडल को फिर से मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने ललन कुमार को पुनः टिकट दिया है। लंबे अंतराल के बाद राजद ने भी यहां अपना उम्मीदवार चंदन कुमार को बनाया है। इसके अलावा जन सुराज पार्टी से राकेश कुमार चुनावी मैदान में हैं। कुल मिलाकर, इस क्षेत्र में मुख्य रूप से जदयू, कांग्रेस और राजद के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है।

Bihar Assembly Election Results LIVE

सुल्तानगंज में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है। राजद और कांग्रेस एम-वाइ (मुस्लिम-यादव) और पचपौनिया वोटरों पर भरोसा कर रही हैं, वहीं जदयू अपने पारंपरिक जातीय आधार के साथ सवर्ण और दलित मतदाताओं को जोड़ने में जुटी है। जन सुराज भी मुकाबले को चौकोर बनाने की कोशिश कर रही है। यहां कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिससे मतदान समीकरण और अधिक दिलचस्प हो गया है।

Bihar Election Commission Result 2025 LIVE

सुल्तानगंज विधानसभा चुनाव के 2020 का हाल

क्रम संख्या उम्मीदवारपार्टीवोट
1ललित नारायण मंडलजेडीयू72823
2ललन कुमारइंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)61258
3नीलम देवीलोक जन शक्ति पार्टी (LJP)10222

सुल्तानगंज विधानसभा भागलपुर जिले के अंतर्गत आती है, लेकिन यह बांका लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यहां लगभग 3.5 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.76 लाख पुरुष, 1.72 लाख महिलाएं और 22 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। 1985 के बाद से कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है। 1990 से 2005 तक जनता दल और समता पार्टी का प्रभाव रहा, जबकि 2010 से अब तक यह सीट जदयू के कब्जे में रही है।

सुल्तानगंज विधानसभा चुनाव के 2015 का हाल

क्रम संख्याउम्मीदवारपार्टीवोट
1सुबोध रॉयजेडीयू63345
2हिमांशु प्रसादराष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP)49312
3ललन कुमारनिर्दलीय14073

2020 के चुनाव में जदयू उम्मीदवार ललित कुमार मंडल ने कांग्रेस के ललन कुमार को 10 हजार से अधिक वोटों से हराकर लगातार चौथी बार पार्टी की जीत दर्ज कराई थी। इससे पहले सुबोध राय ने जदयू के टिकट पर दो बार जीत हासिल की थी, जबकि 2005 में सुधांशु शेखर भास्कर विजयी हुए थे। इस बार सुल्तानगंज में चुनाव और भी दिलचस्प माना जा रहा है, क्योंकि यहां भागलपुर एयरपोर्ट परियोजना का प्रस्ताव बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है, जिस पर एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति से मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।