समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के बीच गठबंधन में दरार अब साफ दिखने लगी है। दोनों दलों के नेताओं का एक-दूसरे के खिलाफ बयान से यह दरार लगातार और बढ़ती जा रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने साफ तौर पर कहा है कि गठबंधन धर्म निभाना और सबको साथ लेकर चलना अखिलेश यादव को नहीं आता है। जब टिकट बांटने की बात आती है तो जाति प्रेम दिखने लगता है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव केवल भाजपा का नाम लेकर जिंदा हैं। मुसलमानों को भाजपा का भय दिखाते हैं, मुसलमान भय के नाते उनको वोट देता है। मुसलमान अब समझ गया है कि वे सिर्फ वोट लेने के लिए भाजपा का भय दिखाते हैं और जब मुसलमानों पर जुल्म, ज्यादती और हमला होता है तो वे नहीं बोलते हैं।”

उन्होंने कहा कि आजमगढ़ उपचुनाव के बाद अखिलेश को लेकर उनका बयान गलत नहीं था, क्योंकि हर नेता का नैतिक कर्तव्य बनता है कि अगर उन्होंने किसी नेता को टिकट दिया है तो उसको अधिक से अधिक वोट दिलाएं। अखिलेश यादव ने ऐसा नहीं किया। राजनीति में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। वे बोले एक-एक करके सभी लोग उनसे दूर हो रहे हैं। कहा- “हम गलत हैं, ठीक है, क्या केशव देव मौर्या भी गलत हैं, संजय चौहान- वह भी गलत हैं? कृष्णा पटेल- क्या वह भी गलत हैं?”

दरअसल राजभर को पिछले कई बैठकों में न तो अखिलेश यादव बुलाए और न ही कोई संदेश भेजे। इससे उनमें नाराजगी है। उनका कहना है कि गठबंधन में सभी चर्चाएं सामूहिक रूप से होती हैं और फैसले भी सामूहिक रूप से लिए जाते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव सब कुछ स्वयं कर रहे हैं और गठबंधन के दूसरे दलों के नेताओं को नहीं पूछ रहे हैं।

आजमगढ़ और रामपुर में हाल ही में हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के दोनों प्रत्याशी हार गए थे। राजभर ने इसके लिए अखिलेश यादव को वजह बताई। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव अपने एसी रूप से बाहर नहीं निकले, इसीलिए उनके प्रत्याशी पराजित हुए।

इस पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोग दूसरी जगह से ऑपरेट हो रहे हैं। उनको कोई दूसरा ऑपरेट कर रहा है। ऐसे लोगों की सलाह की हमें जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जिसको जहां जाना हो जाए, समाजवादी पार्टी को किसी की जरूरत नहीं है।