UP Govt’s Control Of Temples: भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपी सरकार के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उस याचिका में कहा गया है कि वर्तमान सरकार ने अवैध तरीके से कई मंदिरों और वहां पर होने वाले त्योहारों को अपने कब्जे में ले लिया है। अब अगले साल 17 जनवरी को इस मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच करने वाली है।

स्वामी की याचिका में क्या बोला गया?

जानकारी के लिए बता दें कि 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आर्डर पास किया था, उसके तहत कुछ मंदिरों के मेले और वहां होने वाले त्योहारों पर सरकार की सीधी हस्तक्षेप होती। उन मंदिरों की मैनेजमेंट पर राज्य सरकार की पकड़ ज्यादा मजबूत रहती।

स्वामी ने अपनी याचिका में ललिता देवी शक्ति पीठ, विंध्यवासनी शक्ति पीठ, मां पाटेश्वरी पीठ, देवीपाटन, शाकुंभरी माता मंदिर का जिक्र किया है। उनका कहना है कि यूपी सरकार ने अवैध तरीके से इन मंदिरों की मैनेजमेंट पर अपना कब्जा जमाया है जो सीधे-सीधे अनुच्छेद 14, 25 और 31a का उल्लंघन है।

सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

अब इसी मामले को लेकर स्वामी की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अगले साल 17 जनवरी को चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास इस मामले की सुनवाई करने जा रहे हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी की बात करें तो पिछले कुछ सालों में वे मोदी और योगी दोनों के खिलाफ हो चुके हैं। बीजेपी के कई फैसलों के साथ भी वे सहमत दिखाई नहीं देते हैं, वर्तमान में अपनी राजनीति से ज्यादा अपनी सियासी याचिकाओं की वजह से वे सुर्खियों में बने रहते हैं।

राहुल के पीछे भी पड़े स्वामी

वैसे कुछ दिन पहले ही स्वामी की एक याचिका में दावा किया गया था कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ब्रिटेन के नागरिक हैं। स्वामी की याचिका में कहा गया था कि 6 अगस्त 2019 को मंत्रालय को एक पत्र भेजा गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि गांधी ने ब्रिटिश सरकार के सामने स्वेच्छा से खुलासा किया था कि वह ब्रिटिश राष्ट्रीयता के नागरिक हैं, जो ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के बराबर है।

स्वामी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने भारतीय नागरिक होते हुए भी संविधान के अनुच्छेद 9 तथा भारतीय नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन किया है, और अब वे भारतीय नागरिक नहीं रहेंगे। अगर इस खबर के बारे में और ज्यादा जानना है तो यहां क्लिक करें