साल 1976 से 1997 के बीच नोएडा को जमीन देने वाले किसानों के विरोध को शांत करने के लिए प्राधिकरण एक नए फार्मूले पर काम कर रहा है। किसानों को कम कीमत पर जमीन देने के लिए अधिकारी अविकसित सेक्टरों में जमीन तलाश रहे हैं। यह कवायद सेक्टर-144 और 145 में किसान योजना के मौजूदा बाजार मूल्य से ज्यादा होने के कारण की जा रही है।
प्राधिकरण ने 2011 में किसानों को सेक्टर-144-145 में जमीन देने की योजना बनाई थी। तब 13200 रुपए प्रतिवर्ग मीटर के मूल्य पर किसानों को जमीन मिल रही थी। 2011 से लेकर फरवरी 2016 तक विभिन्न कारणों के चलते योजना का ड्रॉ नहीं निकल सका। इस बीच सेक्टर-144-145 में प्राधिकरण की जमीन का मूल्य बढ़कर करीब 40 हजार रुपए प्रतिवर्ग मीटर पहुंच गया है। यानी प्राधिकरण को 25 साल पहले कौड़ियों के दाम जमीन दे चुके किसानों को 40 हजार रुपए प्रतिवर्ग मीटर के मूल्य पर जमीन मिलेगी। जबकि इन सेक्टरों में मौजूदा बाजार मूल्य महज 32 हजार रुपए प्रतिवर्ग मीटर है। नोएडा के किसानों ने कई बार भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर जमीन के दाम कम करने और ड्रॉ जल्द कराने की मांग की है।
1976 में नोएडा के गठन के समय जमीन देने वाले किसानों को एक रिहायशी जमीन देने का प्रावधान था। 1997 के बाद इस योजना में बदलाव कर किसानों को अर्जित जमीन के सापेक्ष 5 फीसद जमीन मिलनी शुरू हुई। 1997 तक जमीन देने वाले किसानों की आखिरी योजना 2006 में निकाली गई थी। उसके बाद ऐसी योजना नहीं निकाले जाने से किसानों को जमीन नहीं मिली। 2011 में तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी बलविंदर कुमार ने ऐसे सभी किसानों की पात्रता सूची तैयार करके सेक्टर-144 व 145 के लिए योजना निकाली थी। उस समय पात्रता सूची के आधार पर किसानों को जमीन 13200 रुपए प्रतिवर्ग मीटर के मूल्य पर मिलनी थी।
पात्रता सूची को लेकर विरोध और अधिकारियों की अनिच्छा के चलते 2015 तक यह योजना लटकी रही। पिछले साल अपने स्तर पर पात्रता निर्धारित कर प्राधिकरण ने आवेदकों की सूची को अंतिम रूप देने का दावा किया था, लेकिन सेक्टर-144 व 145 में किसानों को प्राधिकरण के मौजूदा मूल्य करीब 40 हजार रुपए प्रतिवर्ग मीटर पर जमीन देने का फैसला किया गया है। किसान इस दाम पर जमीन लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने दो मार्च को होने वाली प्राधिकरण की बैठक में किसान योजना का मूल्य कम करने की मांग की है।
उधर, प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश प्रकाश ने साफ कहा है कि किसान योजना के लिए सेक्टर-144 व 145 में मूल्य कम करना मुमकिन नहीं है। हालांकि किसानों को कम दाम पर जमीन उपलब्ध कराने के लिए अविकसित सेक्टरों में जमीन के विकल्प की तलाश की जा रही है। इस प्रस्ताव को बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।