संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी राज्यों के सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में मंगलवार को पश्चिम बंगाल के सांसदों की बारी थी। इस मीटिंग में सांसद एस एस अहलूवालिया उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद कई तरह के कयास लगने लगे कि कहीं बाबुल सुप्रियो की तरह वो भी नाराज तो नहीं हैं।

मीटिंग में जैसा कि पहले से ही मालूम था पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो शामिल नहीं होंगे, क्योंकि हाल ही में पार्टी से नाराज चल रहे सुप्रियो ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। हालांकि उन्होंने अभी सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन जब अहलूवालिया भी इस मीटिंग में नहीं दिखे तो राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं होने लगी।

हालांकि बाद में पता चला कि अहलूवालिया को बुखार है। उन्हें कोविड-19 का टीका लगाया गया था। जिसके बाद पोते-पोतियों ने जबरदस्ती बारिश में खींच लिया, जिससे वो भींग गए और उन्हें बुखार आ गया। एस एस अहलूवालिया को नियमावली और संसदीय कार्यों के क्षेत्रों में जानकारी के लिए गुगल गुरु के नाम से भी जाना जाता हैं। खुद पीएम मोदी भी उन्हें इस नाम से बुला चुके हैं।

बता दें कि केंद्रीय मंत्रीमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने या इस्तीफा मांगने की वजह से कई सांसद पार्टी से नाराज चल रहे हैं। शायद इसी नाराजगी की वजह से बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। इसी तरह अहलूवालिया भी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे।

2019 में बर्धमान-दुर्गापुर सीट से बीजेपी ने एस एस अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने जीत दर्ज की। हालांकि इसके बाद उन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री नहीं बनाया गया। उम्मीद थी मंत्रीमंडल विस्तार में उन्हें जगह मिलेगी, लेकिन इस विस्तार में भी उन्हें जगह नहीं मिली। इसके बाद इस मीटिंग के ग्रुप फोटो में वो नहीं दिखे तो नाराजगी के कयास लगाए जाने लगे।