Objection Over Foreign Ambassadors In Garba: यूपी के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने गरबा कार्यक्रम में विदेशी राजदूतों को बुलाने और उनके सामने महिलाओं के नाचने पर सख्त एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि “विदेशी राजदूतों के सामने बहन-बेटियों की नुमाइश क्यों? गरबा में परिवार की महिलाएं जश्न मनाती हैं। नाचती और गाती हैं।”

उन्होंने कहा, “गरबा भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाला जश्न है। परिवारों के लोग इसमें भाग लेते हैं। यदि कार्यक्रम में कोई कलाकार होता तो अलग बात थी। तब किसी को बुलाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन मुझे यह गलत लगा कि गरबा में 60 विदेशी राजदूतों को बुलाया गया है। विदेशी राजदूतों के सामने उनका नाचना गाना ठीक बात नहीं है। मुस्लिमों पर गरबा में जाने पर पाबंदी थी तो विदेशी राजदूत भी तो दूसरे धर्मों को मानने वाले ही थे।”

Foreign Guests in Garba Programme

गुजरात में गरबा कार्यक्रम में विदेशी राजदूतों के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर। फोटो- इंडियन एक्सप्रेस

डॉ. एसटी हसन ने कहा, “गरबा धार्मिक आयोजन है। इसमें बिना इजाजत के मुस्लिम युवकों को नहीं जाना चाहिए। यदि वह चले भी गए तो उन्हें निकाल देना चाहिए था। मध्य प्रदेश के इंदौर में जो घटना हुई वह ठीक नहीं थी। किसी को मारपीट करने का अधिकार नहीं है। गरबा पंडाल में घुसे तीनों युवकों को पुलिस को सौंप दिया जाना था।”

मुस्लिमों के गरबा कार्यक्रम में जाने पर जताया एतराज

उन्होंने मुस्लिम युवकों से कहा कि वे ऐसे आयोजनों में जाते ही क्यों हैं। उन्हें इससे बचना चाहिए था। बिना इजाजत के किसी दूसरे के कार्यक्रम में नाम बदलकर घुसना तो और भी बुरा है। इसे पूरी तरह से गलत ठहराया जाना चाहिए।

सांसद डॉ. एसटी हसन ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर भी नाराजगी जताई, जिसमें सरकारी विभागों में फोन उठाने पर हेलो की जगह ‘वंदे मातरम’ बोलने को कहा गया है। कहा “ये बहुत पुराना विवाद है। इस्लाम मुस्लिमों को अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करने की इजाजत नहीं देता है। इस्लाम ये मानता है कि अल्लाह के अलावा मुसलमान किसी दूसरे की पूजा नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, “इस विवादित मुद्दे को हम लोग बहुत दिन से झेल रहे हैं। जो अच्छे मुसलमान हैं, जो ईमान वाले मुसलमान हैं वो कभी भी जमीन की पूजा नहीं करते हैं, हम केवल अल्लाह की इबादत करते हैं।”