NIA-ED Raid on PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी और नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर गर्माए माहौल के बीच सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क पीएफआई के समर्थन में उतर आए हैं। गुरुवार को उन्होंने विवादित संगठन की हिमायत करते हुए सवाल किया था कि इस संगठन के लोगों का जुर्म क्‍या है? उनके इस बयान पर बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा कि वंदे मातरम से नफरत करने वालों से क्या उम्मीद की जा सकती है।

बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा कि PFI इंडियन मुजाहिदीन और सिमि का ही रूप है इसका काम ही आतंक फैलाना है। भारत सरकार इसे बैन करने की ओर आगे बढ़ रही है। वहीं, शफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर बीजेपी सांसद ने कहा कि वो ऐसे व्यक्ति हैं जो संसद में राष्ट्रगान होता है तो सदन से बाहर चले जाते हैं, वंदे मातरम से नफरत करने वालों से क्या उम्मीद की जा सकती है।

शफीकुर्रहमान को वंदे मातरम से नफरत: बीजेपी सांसद ने कहा, “शफीकुर्रहमान तो पीएफ़आई की तारीफ करेंगे ही। उनकी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक दिन में आतंकवादियों पर 14 मुकदमे वापस लिए थे। शफीकुर्रहमान बर्क को वंदे मातरम से नफरत है। पार्लियामेंट में वंदे मातरम बजने पर यह बाहर निकाल जाते हैं और अपमान करते हैं भारत माता का। उनकी पार्टी ही ऐसी है पहले मुलायम सिंह जी खड़े रहते थे अब अखिलेश खड़े रहते हैं आतंकवादियों के साथ, तो उनके और क्या उम्मीद की जा सकती है।

बृजलाल ने कहा, “पीएफ़आई एक आतंकवादी संगठन है। यह तब बना था जब 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी ने सिमि को बैन किया था। ईडी और एनआईए ने पूरे देश में छापेमारी की है, तमाम डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं, विदेशी फंडिंग की जानकारी हाथ लगी है। इनका मिशन है विजन 2047, तब तक भारत को इस्लामिक देश बनाना है।”

PFI के समर्थन में शफीकुर्रहमान: गौरतलब है कि संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के समर्थन में कहा कि वो एक पार्टी है, क्या अब कोई पार्टी भी नहीं चला सकता? PFI ने कोई गुनाह किया है क्या? बीजेपी बताए आखिर PFI का जुर्म क्या है? देश की तमाम संस्‍थाओं की तरह पीएफआई भी एक संस्था है। जैसे दूसरी संस्‍थाएं अपने कार्यक्रम चलाती हैं, वैसे ही पीएफआई भी अपने कार्यक्रम संचालित करता है।