समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें एक तरफ कम होती हैं तो दूसरी तरफ बढ़ जाती हैं। दो साल से ज्यादा समय से यूपी के सीतापुर जेल में बंद आजम खान पर कई मामलों में कार्रवाई हो रही है। लगभग सभी मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है, एक पर नहीं मिली है। उस पर भी जल्द मिलने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन तभी दूसरा मामला पहुंच गया। इसी को लेकर गुरुवार को जल निगम भर्ती घोटाले मामले में सीबीआई कोर्ट में उनकी पेशी के लिए सीतापुर से लखनऊ ले आया गया। इस दौरान बताया गया कि दस्तावेज पूरे नहीं होने की वजह से अभी आरोप तय नहीं हो सके हैं।
इस दौरान आजम खान के वकील अलीम रहमान ने कहा कि मामले में जो दस्तावेज दिए गए हैं, उसमें कई कमियां हैं। इस पर ऑब्जेक्शन फाइल की गई है। सरकारी पक्ष ने माना कि कुछ चीजें हैं, जो दी नहीं गई हैं, जब दे दिया जाएगा तब रिहाई के लिए मुव हो पाएगा।
इस बीच आजम खान के परिवार के लिए नई समस्याएं खड़ी होनी शुरू हो गई हैं। दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में बुधवार को सुनवाई होनी थी, जिसमें आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अबदुल्ला आजम अनुपस्थित रहे। इसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। उनकी जल्द गिरफ्तारी होने की आशंका भी बढ़ गई है।
आजम खान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव, बी आर गवई और बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। एक दिन पहले ही जस्टिस गवई की तरफ से सवाल किया गया था कि आजम खान को जमानत मिलते ही दूसरा मामला आ जाने का संयोग कैसे हो जाता है। कई विपक्षी नेताओं ने भी ऐसे सवाल उठाए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट करके समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के मामले में अन्याय होने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही तथा वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आज़म खान को करीब सवा दो वर्षों से जेल में बन्द रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नज़र में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है।”
उधर, आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि उनको जेल से बाहर नहीं आने देने के लिए उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके साथ न्याय होगा।