कोरोना संक्रमण का बड़ा हमला पॉश इलाकों में हो रहा है। दक्षिण व मध्य दिल्ली के इलाकों को संक्रमण तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस वजह से सरकारी एजंसियों को इन इलाकों में सबसे अधिक सील क्षेत्र बनाने पड़ रहे हैं। जून 2020 के बाद अब दिल्ली की 70 विधानसभाओं में करीब 50 हजार सील क्षेत्र बनाने की जरूरत पड़ी है।
दिल्ली सरकार की एक मई तक की रिपोर्ट में यह आंकड़ा सामने आया है,जबकि गुरुवार को दिल्ली में सक्रिय कुल सील क्षेत्रों की संख्या 49,123 दर्ज की गई थी। दिल्ली के सभी जिलों के आधार पर सील क्षेत्रों का आकलन किया जाए तो बुरी हालत में दक्षिण व मध्य जिला है। यहां संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी एजंसियों को 1 मई 2021 तक सबसे अधिक सील क्षेत्र बनाने की जरूरत पड़ी है।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में अब तक कुल 59,201 सील क्षेत्र बनाए जा चुके हैं और इन क्षेत्रों में से 17,103 क्षेत्रों को सील मुक्त किया जा चुका है। 4,618 ऐसे भी सील क्षेत्र हैं जो कि तय नियमों का पालन करते हुए अभी खोले जा सकते हैं, लेकिन आज तक इन क्षेत्रों को खोले के लिए सरकारी एजंसियों ने मंजूरी नहीं दी है।
1 मई तक की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली भर में सक्रिय क्षेत्रों की संख्या 42,098 है। सरकारी एजंसियों ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए जून 2020 के बाद कुल 48,912 सील क्षेत्र बनाए हैं। अगर मंजूरी के इंतजार में लटके सील क्षेत्रों को सरकारी एजंसियां मंजूरी दे देती है तो अभी दिल्ली में कुल सक्रिय 37,680 सील क्षेत्र हैं।
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के डॉक्टर कोविड-19 से उत्पन्न ‘म्यूकोरमाइसिस’ मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। अस्पताल के एक बयान में यह जानकारी दी गई है। ‘म्यूकोरमाइसिस’ कोविड-19 से होने वाला एक फंगल संक्रमण है। इस बीमारी में रोगियों की आंखों की रोशनी जाने और जबड़े तथा नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है।
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ नाक कान गला (ईएनटी) सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल ने कहा, “हम कोविड-19 से होने वाले इस खतरनाक फंगल संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि देख रहे हैं। बीते दो दिन में हमने म्यूकोरमाइसिस से पीड़ित छह रोगियों को भर्ती किया है। बीते साल इस घातक संक्रमण में मृत्यु दर काफी अधिक रही थी और इससे पीड़ित कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी तथा नाक और जबड़े की हड्डी गल गई थी।”