केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (6 मई 2022) को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से मुलाकात की। यह मुलाकात कोलकाता में सौरव गांगुली के आवास पर हुई, जहां दोनों ने साथ में डिनर भी किया। अमित शाह और सौरव गांगुली की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। वहीं, दूसरी ओर सौरव ने इसके एक दिन बाद शनिवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ अपने करीबी संबंधों पर बात की।
आजतक की खबर के मुताबिक, बीसीसीआई अध्यक्ष एक निजी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेरी बहुत करीबी हैं। मैंने इस संस्थान की मदद के लिए उनसे संपर्क किया था। वहीं, सौरव गांगुली ने कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की भी तारीफ की। पूर्व कप्तान ने उन्हें एक ऐसा शख्स बताया, जिनसे कोई भी कभी भी संपर्क कर सकता है।
महज शिष्टाचार मुलाकात: अमित शाह और सौरव गांगुली के बीच इस मुलाक़ात के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि गांगुली भविष्य में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ सकते हैं। हालांकि, गृहमंत्री से मुलाकात को दादा ने महज शिष्टाचार मुलाकात बताया। बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि अमित शाह काफी लंबे समय से उन्हें जानते हैं और अब जब वह बंगाल दौरे पर हैं तो सिर्फ उनसे मिलने आए थे।
सौरव ने कहा कि कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें 2008 से जानता हूं। क्रिकेट खेलते वक्त मैं उनसे मिलता था। इससे ज्यादा कुछ नहीं है। गांगुली ने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में अमित शाह के बेटे जय शाह के साथ काम किया है, जो कि बीसीसीआई के सचिव हैं।
टीएमसी विधायक ने की आलोचना: सौरव गांगुली के आवास पर इस डिनर कार्यक्रम में अमित शाह के साथ स्वपन दासगुप्ता, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी भी थे। वहीं, सौरव गांगुली के साथ उनकी पत्नी डोना, क्रिकेटर के बड़े भाई और भाभी मौजूद रहे। वहीं, हुगली के बालागढ़ से टीएमसी विधायक मनोरंजन ब्यापारी ने फेसबुक पर इस डिनर कार्यक्रम को लेकर सौरव गांगुली की आलोचना करते हुए लिखा था कि उन्हें उन लोगों पर दया आती है जो सौरव गांगुली को बंगाल का आइकॉन मानते हैं।