महाराष्ट्र में जिस दंपती का ‘जाति पंचायत’ ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया था, उसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए। यह दंपती महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले का रहने वाला है। इस दंपती ने सीएम फड़णवीस के घर पर गणेश पूजा भी की। पर्मानंद हेवालकर और उनकी पत्नी प्रीतम बुधवार को गणेश की छोटी मूर्ती के साथ मुंबई आए थे। उन्हें उनके गांव में पंचायत ने गणेश पूजा नहीं करने दी। इसके बाद वे मुंबई आकर मंत्रालय के बाहर जाति पंचायत द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार की शिकायत करने के लिए धरने पर बैठ गए।
जब सीएम को इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने दंपती की शिकायत सुनी और उन्हें अपने घर पर आकर गणेश पूजा करने के लिए कहा। सीएम के इस फैसले से वे काफी खुश नजर आ रहे थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए कि वे इस मामले की जांच करें और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। देवेंद्र फड़णवीस का निवास दक्षिण मुंबई के वरसा में स्थित हैं।
महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है, जहां सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ कानून बनाया गया था। महाराष्ट्र में पिछले साल इसके खिलाफ कानून बनाया गया था। इस कानून के तहत सामाजिक बुराईयों और कुरीतियों के के मामले में कड़े कदम उठाने का प्रावधान है। इस एक्ट का प्राथमिक उद्देश्य है कि जाति पंचायतों की बुराईयां खत्म की जाएं। इसके तहत जाति, संप्रदाय के आधार पर किसी भी व्यक्ति, समुह या परिवार के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
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बता दें, महाराष्ट्र में पिछले महीने भी ऐसी घटना देखने को मिली थी। जब एक ऑटो रिक्शावाले ने जाति पंचायत की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।

