समयपुर बादली थाना क्षेत्र के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में मंगलवार को एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) तार की मरम्मत करने के दौरान तीन कर्मचारियों समेत चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। चारों लोगों के सीवर में फंसने की जानकारी शाम करीब 6:25 बजे पुलिस और दमकल विभाग को मिली थी। तीनों कर्मचारियों की मदद करने के लिए एक रिक्शा चालक भी सीवर में उतरा था, लेकिन वह भी नीचे ही फंस गया था।

मृतकों की पहचान ठेकेदार सूरज कुमार साहनी (55), कर्मचारी बच्चू सिंह (54) और पिंटू राउत (30) के तौर पर की गई है। वहीं रिक्शा चालक की पहचान सतीश कुमार (40) के तौर पर की गई है। पुलिस ने बुधवार की सुबह सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया। शुुरुआती छानबीन में पुलिस को पता चला है कि चारों की जान जहरीली गैस की वजह से दम घुटने के कारण हुई है।

घटना की सूचना मिलने पर बचाव दल ने देर रात तकरीबन नौ घंटे तक मशक्कत की, जिसके बाद सभी के शव सीवर से निकाले गए। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है। बाहरी उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त बृजेंद्र कुमार यादव ने बताया कि प्रेम नगर के तिलक नगर में रहने वाला सूरज सिंह साहनी पिछले कई सालों से एमटीएनएल की तार के रख-रखाव के ठेके लेता था।

मानवाधिकार आयोग ने भी नोटिस जारी किया

दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुई चार लोगों के मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली के सचिव, दिल्ली के पुलिस आयुक्त व एमटीएनएल के अध्यक्ष के खिलाफ नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि सभी पक्ष चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रपट पेश करें। मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने यह नोटिस जारी किया है।

आयोग ने कहा है कि इस मामले में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है उसके खिलाफ कार्रवाई सहित मृतकों के परिजनों क ो मुआवजा व पुनर्वास सहित कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट फैसले व निर्देश व आयोग की दखल के बावजूद श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण देकर काम नहीं कराया जा रहा है बल्कि सीवर में मजदूर मर रहे हैं।

पाइप की मरम्मत के लिए उतरे दो कर्मचारी, जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत

न्यू अशोक नगर थाना क्षेत्र के दल्लूपुरा स्थित दिल्ली जलबोर्ड के जल शोधन संयंत्र (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) में काम के लिए उतरे दो कर्मचारियों की दम घुटने से बुधवार को मौत हो गई। मजदूरों की पहचान खासपुर, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश निवासी नितेश (25) और गांव रटौल, लोनी, गाजियाबाद निवासी यशदेव (35) के रूप में की गई है। ये मजदूर दिल्ली जलबोर्ड के एक ठेकेदार के पास काम करते थे।

दोनों शाम को सीवर के अंदर गए, लेकिन कुछ समय बाद दोनों बेहोश हो गए। जब कोई जवाब नहीं मिला तो इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी गई। दोनों को पास के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। शुरुआती छानबीन के आधार पर पता चला कि दोनों की मौत जहरीली गैस की चपेट में आने से हुई है। फिलहाल पुलिस इस संबंध में लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन में जुटी हुई है।

पूर्वी दिल्ली पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने बताया कि बुधवार शाम करीब 5:00 बजे उनकी टीम को सूचना मिली कि दल्लूपुरा स्थित दिल्ली जलबोर्ड के जल शोधन संयंत्र में दो लोग अचेत हो गए हैं। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि करीब छह-सात फुट गहरे गड्ढे में नीचे जल शोधन संयंत्र की बड़ी पाइप लाइन मौजूद हैं।