बिहार में गया में एक युवक और सीवान में एक पत्रकार की हत्या के कारण प्रदेश में ‘जंगलराज’ के लग रहे आरोप को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खारिज करते तथा प्रदेश में कानून का राज कायम होने का दावा करते हुए सोमवार (16 मई) कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए कृतसंकल्पित हैं। साथ ही कहा कि पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने पत्रकार हत्या का मामला सीबीआइ को सौंपने का निर्णय लिया है।
पटना के एक अणे मार्ग में सोमवार (16 मई) आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि गया में युवक आदित्य सचदेवा और सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या से वे व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं। पुलिस इन दोनों मामलों की निष्पक्ष ढंग से जांच कर रही है। अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि इन दोनों घटनाओं को लेकर जो लोग राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, हम उनसे कहीं अधिक दुखी हैं।
गत शुक्रवार (13 मई) को सीवान जिले में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बारे में नीतीश ने कहा कि वे इसको अपने ऊपर हमला मानते हैं और इस दृष्टिकोण से वे पूरे मामले को देख रहे हैं। उन्हें अपनी पुलिस पर पूरा भरोसा है लेकिन रविवार (15 मई) मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि उनके परिजन सीबीआइ की जांच की मांग कर रहे हैं, इसलिए बीती रात्रि ही हमने पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों से बातचीत की और इसे जांच के लिए सीबीआइ को सौंपने का निर्णय सोमवार (16 मई) को ही लेकर इस बारे में केंद्र को सूचित करेंगे।
सीवान में हिंदुस्तान दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख राजदेव रंजन की हत्या में प्रदेश में सत्ता में शामिल राजद के पूर्व बाहुबली सांसद जेल में बंद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कथित तौर पर हाथ होने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने वहां मौजूद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर को अपने करीब बुलाकर इस मामले में जारी अनुसंधान को लेकर उत्तर देने के लिए माइक उन्हें थमा दिया। पुलिस महानिदेशक को माइक थमाने के बाद उनके बगल में बैठते हुए नीतीश ने कहा कि वह इस सिद्धांत में विश्वास रखते हैं कि पुलिस किसी भी आपराधिक मामले में स्वतंत्र रूप से जांच करेगी और किसी को भी इसमें व्यवधान नहीं डालना चाहिए।
जदयू से विधान पार्षद मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी यादव ने गत 6-7 मई को आदित्य सचदेवा (19) की हत्या के आरोप की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि मीडिया में गया की घटना को लेकर उनके परिजनों के सीबीआइ से जांच की मांग को लेकर उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर पुलिस महानिदेशक से बातकर मृतक युवक के परिजनों को जांच से अवगत कराने के लिए पुलिस टीम भेजी। पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एन एच खान आदित्य के परिजन से मिले और उन्होंने जांच को लेकर संतोष व्यक्त किया। अगर वे संतुष्ट नहीं हैं तो हम सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें जो शक्ति दी है उसका वे सदुपयोग करेंगे, और लोग तो चेहरा देखकर कार्रवाई करते हैं, हम काम को देखकर कार्रवाई करते हैं। हम उन लोगों में नहीं हैं कि चेहरा देखकर कार्रवाई करें। हम तो किसी का काम सही है तो प्रशंसा करेंगे और किसी का काम गैरकानूनी है, तो उस पर कानून की गाज गिरवाएंगे, चाहे जो कुछ भी हो। कौन है और कौन नहीं, हम तो देखते ही नहीं। किसी के मन में रत्ती भर भी शंका नहीं रहनी चाहिए कि किसी को बचाया जाएगा।’